कैंट रेलवे स्टेशन पर अब बीटल एनालिसिस एप के जरिये रियल टाइम मॉनीटरिंग यानी किसी भी समय सफाई की निगरानी की जाने लगी है। सफाई में सुधार, तत्काल स्टेशन के किसी भी हिस्से की तस्वीर देखने से लेकर स्थानीय अधिकारियों के निरीक्षण में दी गई ग्रेडिंग तक को लखनऊ मंडल तक के अफसर देख सकेंगे। मुख्य सफाई निरीक्षक राकेश रोशन पाठक ने बताया कि ट्रायल बेस पर चल रही इस व्यवस्था को अब लागू कर दिया गया है। यात्रियों के फीडबैक के आधार पर संबंधित सफाई एजेंसियों का भुगतान तय कर दिया गया है।पहले तीन एजेंसियों को काम आवंटित था, लेकिन इस व्यवस्था को लागू करने के लिए एक ही एजेंसी को कार्य सौंप दिया गया है। ई-इंस्पायरर नामक एजेंसी के पास पूरे स्टेशन की सफाई की जिम्मेदारी है। नई व्यवस्था के तहत उक्त एजेंसी के कर्मचारी हर 15 मिनट, आधे घंटे में हर प्लेटफार्म के अलग-अलग जगहों की तस्वीरें डालते रहेंगे। टैबलेट के जरिये ली गई तस्वीर तत्काल कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखेगी। इसे सफाई निरीक्षक, निदेशक या मंडल स्तर के अधिकारी देख रहे हैं। इसके अलावा हर प्लेटफार्म पर पूरे दिन में अलग-अलग करीब 100 लोगों से 15 बिंदुओं पर उनका फीडबैक लिया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। उनके फीडबैक के आधार पर ही एजेंसी का भुगतान तय कर दिया गया है। निदेशक आनंद मोहन ने बताया कि नई व्यवस्था से सफाई की स्थिति बेहतर हुई है।यात्रियों के फीडबैक के ये हैं प्रमुख बिंदु - स्टेशन परिसर में आने पर कहीं गंदगी दिखी- प्लेटफार्म पर कहीं कोई जानवर या कीट दिखे या नहीं दिखे।- प्लेटफार्म या स्टेशन परिसर में कहीं जलभराव दिखा या नहीं।- डस्टबिन कहीं पर भी भरी हुई या उससे कचरा बाहर निकलता दिखाई दिया या नहीं।- स्टेशन पर कहीं बदबू आ रही या नहीं।मोबाइल पर भी एप डाउनलोड कर सकेंगे उक्त एप को मोबाइल पर डाउनलोड कर मंडल के अधिकारी लॉग इन कर सकेंगे। इसके बाद स्टेशन की सफाई संबंधी हर गतिविधि की जानकारी उन्हें की भी मिल सकेगी। मसलन मौजूदा समय में कहीं की भी सफाई की स्थिति, यहां निदेशक या अन्य किसी भी जिम्मेदार के निरीक्षण के दौरान दी गई ग्रेडिंग, यात्रियों का फीडबैक और सफाई के लिए मंगाये गये उपकरणों का कितना इस्तेमाल हो रहा है।
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