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हुआ अंत: अक्तूबर- 2015 में फरार हुआ था रईस बनारसी

अक्तूबर 2015 में बनारस जिला जेल से बरेली जेल में शिफ्ट किए जाने के दौरान रईस बनारसी पुलिस वैन से कूदकर भाग निकला था। डीजीपी ने उस पर 50 हजार का इनाम घोषित किया था। बनारस और कानपुर पुलिस के साथ एसटीएफ...

हुआ अंत: अक्तूबर- 2015 में फरार हुआ था रईस बनारसी
वाराणसी। कार्यालय संवाददाताSat, 15 Sep 2018 01:04 PM
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अक्तूबर 2015 में बनारस जिला जेल से बरेली जेल में शिफ्ट किए जाने के दौरान रईस बनारसी पुलिस वैन से कूदकर भाग निकला था। डीजीपी ने उस पर 50 हजार का इनाम घोषित किया था। बनारस और कानपुर पुलिस के साथ एसटीएफ को भी उसकी तलाश थी। 

रईस अहमद उर्फ बनारसी कानपुर के अनवरगंज के हीरामन का पुरवा का रहने वाला था। भाई नौशाद की हत्या के बाद वह बनारस के दशाश्वमेघ घाट स्थित खालिसपुरा स्थित ननिहाल में रहने लगा। उसने भाई नौशाद के हत्यारे शानू ओलंगा से बदला लेने की कसम खा ली। इसने बनारस के राकेश अग्रहरी, राजकुमार उर्फ गुड्डू मामा, बच्चा यादव, अवधेश सिंह, बाले पटेल, पंकज उर्फ नाटे और कटेसर (रामनगर) के जावेद खां के साथ एक गैंग बना लिया। वर्ष 2011 में रईस ने साथियों के साथ शानू ओलंगा की हत्या कर दी। इसके बाद वह लूट, हत्या, तस्करी करने लगा। यह गैंग बनारस में पैर फैलाने के बाद कानपुर में तेजी से उभरने लगा। कानपुर में भी गैंग ने कई संगीन अपराध को अंजाम दिया। 

बनारस में नाम पड़ा बनारसी
बनारस में रहने के कारण रईस अहमद का रईस बनारसी पड़ गया। इसका आधे से ज्यादा आपराधिक इतिहास भी बनारस में रहा। इसके बाद उसने लूट व हत्या के साथ मुंगेर (बिहार) से असलहों की तस्करी शुरू कर दी। यह गैंग लूट, रंगदारी के लिए जान लेने में संकोच नहीं करता था।  

मुन्ना बजरंगी से किया था सम्पर्क
जरायम की दुनिया में पैर रखने के बाद रईस को सपोर्ट की जरुरत थी लेकिन उसे कोई भाव नहीं दे रहा था। इसके बाद उसने मुन्ना बजंरगी से सम्पर्क किया और उसके साथ काम शुरू किया। कुछ वक्त बाद उसने अपना गैंग बना लिया। 

पुलिस की वर्दी में घटना को देता था अंजाम
रईस बनारसी लूट और तस्करी करने के लिए पुलिस की वर्दी भी पहनता था। वर्ष 2007 में मलदहिया क्षेत्र में पेट्रोल पंप संचालक लहिड़ी की हत्या के बाद जब वह गिरफ्तार हुआ था तो उसके पास से पुलिस की वर्दी भी मिली थी। तब ही पता चला था कि वारदातों को अंजाम देने में यह पुलिस की वर्दी भी पहनता है। 

इन बड़ी वारदातों में था शामिल
रईस पर बनारस में एक दर्जन से ज्यादा लूट, हत्या, हत्या का प्रयास जैसे संगीन मामले दर्ज थे। कानपुर में आधा दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। बनारस में कोतवाली, सिगरा, भेलूपुर, जैतपुरा, आदमपुर में केस दर्ज था। 
- हथुआ मार्केट में पेट्रोल पंप मालिक लहिड़ी की हत्या कर 3.50 लाख की लूट
- शेख सलीम फाटक (चेतगंज) में लोहता के व्यापारी को गोली मारकर लूट
- रामकटोरा के पास व्यापारी को गोली मार कर लूट का प्रयास
- लक्सा के पास व्यापारी को गोली मारकर दो लाख की लूट
- मुखबिरी के शक में दशाश्वमेघ क्षेत्र में साथी दीपू वर्मा की हत्या
- रेवड़ी तालाब के पास साड़ी कारोबारी से दो लाख की लूट
- वरुणापुल स्थित असलहा दुकान संचालक भाजयुमो नेता विवेक सिंह को गोली मारी

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