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पूर्वांचल की रेल परियोजनाओं पर खर्च होंगे 3 हजार करोड़

आम बजट में पूर्वांचल की रेल परियोजनाओं को गति देने के लिए केन्द्र सरकार ने पिटारा खोल दिया है। बनारस समेत पूर्वांचल के ए श्रेणी के सभी स्टेशनों पर वाईफाई एवं सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। साथ ही पूर्वांचल...

पूर्वांचल की रेल परियोजनाओं पर खर्च होंगे 3 हजार करोड़
वाराणसी। कार्यालय संवाददाताFri, 02 Feb 2018 03:34 PM
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आम बजट में पूर्वांचल की रेल परियोजनाओं को गति देने के लिए केन्द्र सरकार ने पिटारा खोल दिया है। बनारस समेत पूर्वांचल के ए श्रेणी के सभी स्टेशनों पर वाईफाई एवं सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। साथ ही पूर्वांचल की आधा दर्जन महत्वपूर्ण रेल लाइनों के दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण को वर्ष 2019 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अफसरों के अनुसार करीब तीन हजार करोड़ रुपए की परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं। हालांकि रेल मंत्रालय की ओर से अभी जोनवार विस्तृत रिपोर्ट आनी बाकी है। बजट प्रावधानों से माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पूर्वांचल में यात्री सुविधाओं में विस्तार के साथ ही निर्माणाधीन परियोजनाओं की गति तेज होगी। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेल एवं फोरलेन परियोजनाओं को पूर्वांचल में गति देने के संकेत दिए थे। बजट में पीएम के संसदीय क्षेत्र से जुड़े रेलवे स्टेशनों के अलावा गाजीपुर, बलिया, मऊ, आजमगढ़, इलाहाबाद, भदोही, प्रतापगढ़, जौनपुर, चंदौली समेत अन्य जिलों की रेल परियोजनाओं को गति देने के लिए करीब तीन हजार करोड़ का प्रावधान हुआ है। इनमें दस रेल मार्गों का दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण शामिल है। अफसरों का कहना है कि इन दो योजनाओं के पूरा होने के बाद न केवल ट्रेनों की गति तेज होगी बल्कि यात्रियों को सहूलियत भी होगी। 

सौ मानव रहित फाटक बनेंगे मानवयुक्त 
पूर्वोत्तर रेलवे के करीब 327 फाटक मानवरहित  हैं। इन फाटकों पर आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को सरकार ने मंजूर कर दिया है। करीब 70  फाटकों को मानवयुक्त किया जाएगा। इसी तरह वाराणसी-लखनऊ मार्ग के करीब 30 फाटक भी मानवयुक्त होंगे। 

पुराने सभी ट्रैकों का होगा बदलाव 
बजट में सभी पुराने ट्रैक के बदलाव का भी प्रावधान किया गया है। इनमें बनारस-लखनऊ, बनारस-गोरखपुर, बनारस-छपरा, बनारस इलाहाबाद आदि मार्गो के पुराने रेलवे ट्रैक, स्लीपर में न केवल बदलाव किया जाएगा बल्कि पुलों की मरम्मत के लिए भी सौ करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 

सेटेलाइट स्टेशन पर बेहतर होंगी सुविधाएं 
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र की दो महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन मंडुवाडीह एवं सिटी स्टेशन को सेटेलाइट के रूप में विकसित करने की योजना को 2019 तक पूरा करने को कहा गया है। पूर्वोत्तर रेलवे के यह दोनों आदर्श स्टेशनों में से एक हैं। लिहाजा यहां पर  एक्सेलेटर के अलावा अन्य यात्री सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। साथ ही दोनों रेलवे स्टेशन पर नया रेलवे ट्रैक, प्लेटफार्म, स्वचालित सीढियों के अलावा अन्य कई कार्य किए जाने हैं। 

महामना और शिवगंगा में लगेंगे कैमरे
आम बजट में घोषणा के मुताबिक बनारस से संचालित महत्वपूर्ण ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरे लगाये जा सकते हैं। वाराणसी से वडोदरा के लिए चल रही महामना सुपरफास्ट एक्सप्रेस, दिल्ली के लिए चल रही महामना के अलावा काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस, मंडुवाडीह से संचालित वीवीआईपी ट्रेन शिवगंगा सुपरफास्ट तथा नई दिल्ली-मंडुवाडीह सुपरफास्ट में कैमरे लगाये जा सकते हैं। कैंट स्टेशन पर गुरुवार को बुंदेलखंड एक्सप्रेस और वाराणसी-लखनऊ पैसेंजर से यात्रा करने वाले बनारस के सिद्धार्थ, शक्तिनगर के शिवम ने बताया कि यात्री ट्रेनों में कैमरे लगाना सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। कैंट और मंडुवाडीह से दिल्ली के लिए चलने वाली ट्रेनों के अलावा मुंबई की ट्रेन महानगरी, कामायनी में भी कैमरे लगें। मुंबई की ट्रेनों में अक्सर आपराधिक घटनाएं होती हैं। 

बेगमपुरा में लगेंगे एलएचबी कोच
वाराणसी से जम्मू के लिए चलने वाली बेगमपुरा एक्सप्रेस में अब यात्रियों को झटके नहीं लगेंगे। इस ट्रेन में अभी आईसीएफ कोच हैं, जिसमें पुराने मॉडल के सेंट्रल बफर कपलर हैं। नये एलबीएच कोच में उच्चीकृत कपलिंग व्यवस्था होगी, जिससे झटके नहीं लगेंगे।

इन परियोजनाओं को मिलेगी गति 
-वाराणसी-इलाहाबाद रेलमार्ग, दोहरीकरण-विद्युतीकरण 
-वाराणसी-औढ़िहार रेल मार्ग, दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण
- औढ़िहार-छपरा रेलमार्ग, दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण 
-मंडुआडीह-इलाहाबाद, दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण 
-शाहगंज-मऊ, दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण 
-औढ़िहार-भटनी, दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण 

बजट में कुल धनराशि कितनी जारी हुई है अभी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है। यात्री सुविधाओं से जुडे कई प्रस्ताव भेजे गए थे। 2 फरवरी तक मंत्रालय की ओर से पिंक बुक जारी होगा। उसके बाद ही यह पता चल सकेगा कि किस प्रोजेक्ट के लिए कितना धन स्वीकृत किया गया है। साथ ही यात्री सुविधाओं के लिए क्या-क्या होने हैं। 
संजय यादव सीपीआरओ पूर्वोत्तर रेलवे  

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