मुकद्दस सफर की तैयारी, इस बार जायरीन सीधे काशी से जाएंगे काबा
इस बार काशी के जायरीन सीधे काबा यानी मक्का जाएंगे। जहां खान-ए-काबा का दीदार करेंगे। 10 साल बाद उनको यह मौका मिला है। खास यह भी है कि उनको यहीं से ही पाकीजगी के साथ एहराम पहनकर जाना होगा, ताकि...
इस बार काशी के जायरीन सीधे काबा यानी मक्का जाएंगे। जहां खान-ए-काबा का दीदार करेंगे। 10 साल बाद उनको यह मौका मिला है। खास यह भी है कि उनको यहीं से ही पाकीजगी के साथ एहराम पहनकर जाना होगा, ताकि पूरी अकीदत व एहतराम के साथ सभी अरकानों को अदा कर सकें। इसके पहले वह मदीना जाने के बाद मक्का जाते थे।
उत्तर प्रदेश के जायरीन 2009 तक मदीना जाते थे। मगर इस साल सेंट्रल हज कमेटी ने प्रदेश के जायरीन को सीधे मक्का भेजने का निर्णय लिया है। कमेटी के सदस्य डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि प्रदेश के जायरीन की मांग थी कि उन्हें मक्का भेजा जाए। इस बार कमेटी ने देश के 12 इम्बार्केशन के जायरीन को भारत से सीधे मक्का के जेद्दा एयरपोर्ट भेजा जाएगा, जहां से वह खान-ए-काबा जाएंगे। इसके बाद सिलसिलेवार हज के अरकानों को अदा करेंगे।
पहले करेंगे उमरा
जायरीन मक्का जाने के बाद पहले उमरा का नीयत कर उमरा के अरकानों को अदा करेंगे। डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि उमरा के बाद जायरीन करीब 27 दिनों तक प्रतिदिन खान-ए-काबा का तवाफ (परिक्रमा), नमाज व देखना आदि अरकान करेंगे। इसके बाद हज का नीयत करने के बाद पांच दिनों तक हज के अरकान को अदा करेंगे। फिर यहां से वह मदीना में आठ दिन रहेंगे, जहां हजरत मोहम्मद साहब के रौजे पर अकीदत पेश करेंगे।
इन इम्बार्केशन के जाएंगे मक्का
इस बार देश के 22 इम्बार्केशन में से 12 इम्बार्केशन के जायरीन मक्का जाएंगे। बाकी मदीना जाएंगे। अहमदाबाद, औरंगाबाद, भोपाल, चैन्नई, हैदराबाद, जयपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुम्बई, नागपुर, रांची, वाराणसी शामिल है।