लमही में प्रेमचंद म्यूजियम 4.80 करोड़ में लेगा आकार
कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद का लमही स्थित पैतृक आवास और वर्तमान स्मारक स्थल जल्द ही संग्रहालय का रूप लेगा। इसके एक हिस्से में आभासी और दूसरे हिस्से में वास्तविक संग्रहालय होगा। संस्कृति विभाग ने...
कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद का लमही स्थित पैतृक आवास और वर्तमान स्मारक स्थल जल्द ही संग्रहालय का रूप लेगा। इसके एक हिस्से में आभासी और दूसरे हिस्से में वास्तविक संग्रहालय होगा। संस्कृति विभाग ने प्रेमचंद्र संग्रहालय का डीपीआर तैयार करा लिया है। संग्रहालय निर्माण पर चार करोड़ 80 लाख रुपए व्यय होंगे। अंतिम स्वीकृति के लिए डीपीआर को केन्द्र सरकार के पास भेजा जायेगा।
कार्ययोजना की स्वीकृति के लिए निर्माण स्थल के मालिकाना हक से संबंधित कागजात प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है। प्रेमचंद स्मारक से जुड़े मूल दस्तावेज संस्कृति विभाग की फाइलों में उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह के निर्देश पर उनकी नकल निकलवाने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। अगले सप्ताह जिलाधिकारी के समक्ष प्रेमचंद संग्रहालय कार्ययोजना का प्रेजेंटेशन होगा। कागजात के आधार पर प्रेमचंद के आवास,स्मारक स्थल और उसके आसपास की भूमि का चिह्नांकन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रेमचंद आवास से सटी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा भी कर लिया गया है। संस्कृति विभाग कागजात की नकल उपलब्ध होते ही चौहद्दी के अनुरूप समूचे दायरे को अपने अधीन लेगा।
क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र के प्रभारी डा. यशवंत सिंह राठौर के अनुसार प्रेमचंद संग्रहालय में भवन वाले हिस्से में आभासी संग्रहालय विकसित होगा। आवास के अलग-अलग कक्षों में एलईडी स्क्रीन के माध्यम से प्रेमचंद का साहित्य संग्रह प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त भारतीय जनमानस पर प्रेमचंद के प्रभाव, स्वाधीनता आदोलन में उनके योगदान के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। वहीं वर्तमान स्मारक स्थल पर वास्तविक संग्रहालय विकसित होगा। इस संग्रहालय में मुंशीजी से जुड़ी वस्तुओं के साथ उस दौर की प्रमुख निशानियां भी प्रदर्शित की जाएंगी।