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बोले काशी - शहर के सीवर का जहां शोधन, वहीं के बाशिंदे परेशान

Varanasi News - वाराणसी के दीनापुर में सीवर के प्रदूषण से स्थानीय नागरिकों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पिछले चार दशकों में स्थापित सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के बावजूद, गंदा पानी प्राचीन तालाब में जा रहा...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीSun, 12 Oct 2025 05:40 PM
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बोले काशी - शहर के सीवर का जहां शोधन, वहीं के बाशिंदे परेशान

वाराणसी। गंगाजल प्रदूषण पर रोक के लिए लगभग चार दशक पहले जहां सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगा, वहीं का सीवर निस्तारण स्थानीय नागरिकों के लिए सिरदर्द बन गया है। दीनापुर में एक तो सीवर लाइन बिछाने में मनमानी हुई, दूसरे उसे एसटीपी से नहीं जोड़ा गया। सैकड़ो घरों का सीवर एक प्राचीन और गहरे तालाब में जा रहा है। इससे तालाब का भी अस्तित्व संकट में है। बड़ी आबादी को शुद्ध पेयजल नहीं मिलता। जलजमाव की भी गंभीर समस्या है। कंपोजिट स्कूल का जर्जर भवन जिम्मेदारों की सक्रियता की पोल खोल रहा है। दीनापुर नगर निगम की पूर्वी सीमा पर बसा अंतिम वार्ड है।

तीन वर्ष पहले परिसीमन के बाद दीनापुर के बाशिंदे नवशहरी बने हैं। बनारस में गंगा एक्शन प्लान की सन-1986 में शुरुआत हुई, उसी के साथ दीनापुर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित हुआ। अब यहां 140 एवं 80 एमएलडी के दो ट्रीटमेंट प्लांट हैं। उन प्लांटों की भी क्षमता बढ़ाने की तैयारी चल रही है। दीनापुर का वातावरण एकदम शांत एवं हरियाली से भरा है। 36 सौ के आसपास मकान एवं लगभग चार हजार की आबादी की सबसे बड़ी समस्या सीवर निस्तारण ही है। वार्ड के शिव मंदिर पर जुटे नागरिकों ने ‘हिन्दुस्तान से अपनी व्यथा कहने के पहले घुमा कर दिखाया कि जिस समस्या पर उनका सबसे अधिक फोकस है, वह वाकई कितनी कष्टदायक है और उसका दुष्प्रभाव कितना व्यापक है। संजय कुमार सिंह, सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि लगभग तीन वर्ष पहले यहां मेन सड़क बनने के साथ सीवर लाइन भी बिछनी थी। योजना के अनुसार सीवर लाइन बिछती तो उससे पूरी आबादी को फायदा होता। सीवर लाइन को डायवर्ट कर कुछ ‘खास घरों के सामने से बिछवा दिया गया। बोले, यहां तक तो ठीक था मगर उसे ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़वाने के बजाय जिम्मेदारों ने प्राचीन तालाब में मिलवा दिया है। लगभग छह दशक पुराने तालाब में गंदगी जमा होती जा रही है। कभी बहुउपयोगी रहे तालाब की हालत देख लोगों को कोफ्त होती है। प्रदीप कुमार गौड़, रमेश मौर्य, योगेन्द्र सिंह, अभिषेक सिंह ने इसी मुद्दे पर कहा कि तीन वर्षों के दौरान जल निगम की गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई एवं नगर निगम के अफसरों के साथ अपने पार्षद से भी समस्या के समाधान के लिए कई बार गुहार लगाई है मगर अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिलता आ रहा है। डेढ़ सौ वर्ष पुराने जलाशय पर संकट दीनापुर में सीवर त्रासदी झेल रहे तालाब की आयु डेढ़ सौ वर्ष से अधिक की है। सुरेन्द्र प्रताप सिंह, सतीश कुमार सिंह आदि ने कहा-‘कई पीढ़ियों ने इस तालाब के सहारे जीवन गुजार दिए। हमलोगों का बचपन भी इसमें नहाते हुए गुजरा है। नहाने, बर्तन धोने के अलावा पशुओं की भी प्यास इससे बुझती रही मगर तीन दशकों से यह उपेक्षित है। बताया कि लगभग दो एकड़ रकबा वाले इस जलाशय के इर्दगिर्द लोगों ने अतिक्रमण करते हुए मकान भी बनवा लिए हैं। उन मकानों का गंदा पानी भी तालाब में जाता है। संजय सिंह, सतीश कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री पोर्टल के अलावा नगर निगम को फोटो समेत जलाशय की वस्तुस्थिति की जानकारी दी गई है। इस अपेक्षा के साथ ही इसकी सफाई के साथ सुंदरीकरण करा दिया जाए तो यह महत्वपूर्ण स्थल के रूप में शहर का गौरव बन सकता है। टर्निंग प्वाइंट पर बने रेलिंग रवि मौर्य, अभिषेक सिंह ने कहा कि लगभग एक हाथी के डुबान जितनी गहराई वाला तालाब कचरा एवं जलकुंभी से पट गया है। इस नाते हर साल बारिश के दिनों में उसका पानी ओवरफ्लो करता हुआ आसपास के घरों तक पहुंच जाता है। इस साल उसी जलजमाव के कारण दुर्गापूजा भी प्रभावित हो गई। उन्होंने तालाब से जुड़े एक गंभीर खतरे की ओर ध्यान दिलाया। पंचक्रोशी-बलुआ रोड से एक लिंक रोड दीनापुर आती है। उसका खतरनाक मोड़ तालाब से जुड़ा हुआ है। अभिषेक ने कहा कि तेज बारिश के दौरान पानी के ओवरफ्लो करने से सड़क और तालाब का आभास नहीं हो पाता। सामान्य दिनों में भी तेज रफ्तार बाइक सवार अक्सर हादसे का शिकार होने से बचते हैं। उन्होंने कहा कि इस मोड़ पर मजबूत रेलिंग का निर्माण बहुत जरूरी है। पुरानी सीवर लाइन से बस्ती परेशान फिरोज, गोविंद, धीरज आदि ने दिखाया कि प्रधानी के समय बिछी छह इंच की सीवर लाइन कितनी जगह क्षतिग्रस्त है और उससे गंदा पानी आवागमन में किस तरह परेशानी बना रहता है। बताया कि यह समस्या 12 माह रहती है। बल्कि दिनोंदिन गंभीर होती जा रही है। मेनरोड के एक मोड़ पर तो स्थिति अधिक खराब है। लगभग सभी को गंदगी के बीच से गुजरना पड़ता है। बाहर से चकाचक, अंदर से खतरनाक दीनापुर में एक कंपोजिट विद्यालय भी है। इसका बाहरी कलेवर जितना आकर्षक है, भीतरी उतना ही खतरनाक। संजय सिंह ने कहा कि इसके एक बड़े कमरे की छत गिर गई है। बाकी भवन भी कमजोर हो गया है। बच्चों की जिंदगी खतरे में रहती है। बताया कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने इस बाबत अपने अधिकारियों को जानकारी दे रखी है मगर इस विद्यालय भवन का अब तक कायाकल्प नहीं हो सका है। पेयजल की शुद्धता खतरे में एसटीपी बनने के बाद से ही दीनापुर में पेयजल की शुद्धता पर सवाल उठते रहे हैं। एक समय तो यहां विशेषज्ञों की टीम ने दौरा किया था। टीम को कई हैंडपंप एवं कुंओं से काला, मटमैला और दुर्गंधयुक्त पानी मिला था। सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि लगातार निगरानी के बाद हालात में बदलाव तो हुआ है मगर समस्या पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। हैंडपंपों, सबमर्सिबल से अब भी समय-समय पर बदबूदार मटमैला पानी आता है। अभिषेक सिंह ने कहा कि यहां अलग से पानी टंकी का निर्माण और उससे घरों का कनेक्शन हुए बिना समस्या दूर नहीं होगी। दूर-दूर स्ट्रीट लाइट, कुछ खराब भी छब्बू मौर्या, सतीश सिंह ने बताया कि पूरी आबादी के बीच स्ट्रीट लाइटें बहुत दूर-दूर लगी हैं। दूसरे, उनमें आधा दर्जन लाइटें जलती भी नहीं। खराब लाइटों को बदलने का आग्रह किया गया है। अभिषेक सिंह ने ध्यान दिलाया कि कंपोजिट विद्यालय एवं तालाब के बीच लगा हाईमास्ट भी मुद्दत से खराब है। बाशिंदों ने कहा कि यहां सोलर लाइटें भी लगनी चाहिए। दिन में भी मच्छरों की भनभनाहट दीनापुर में सफाई इंतजाम सिरे से गायब है। न झाड़ू लगती है, न कूड़ा उठान। मच्छर सूरज चढ़ने तक भनभनाते और काटते हैं। जगह-जगह एकत्र होने वाले कूड़ा-कचरा को स्थानीय लोग जला देते हैं या वह सड़ता रहता है। विशाल तालाब गंदगी का केन्द्र बन ही गया है। रमेश मौर्य ने कहा कि यहां बरसात हो या जाड़ा, कीटनाशकों का छिड़काव नहीं होता। नगर निगम में शामिल होने के बाद कभी फॉगिंग भी नहीं कराई गई है। मंदिर का हो सुंदरीकरण दीनापुर के ऐतिहासिक तालाब के पूरब स्थानीय लोगों ने आपसी सहयोग से शिव मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया है। योगेन्द्र सिंह, प्रदीप कुमार ने बताया कि पास ही में एक पीपल वृक्ष के नीचे तर्पण-श्राद्ध के लिए शेडयुक्त स्थान बना था जो देखरेख के अभाव में खराब हो चुका है। प्रशासन तालाब के साथ इस मंदिर का भी सुंदरीकरण करा दे तो स्थान का महत्व बढ़ जाएगा।

शिलापट्ट लगा, रोड नहीं बनी

बलुआ-दीनापुर लिंक रोड पर एक जगह पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर के नाम का शिलापट्ट लगा है। उस पर खड़ंजा रोड के शिलान्यास का उल्लेख है। बाशिंदों ने बताया कि नौ फीट प्रस्तावित चौड़ाई की जगह कुछ लोगों ने सड़क को सवा 10 फीट कराने का हठ कर लिया, इसलिए चार वर्षों में एक ईंट भी नहीं रखी जा सकी है।

सुझाव

1. दीनापुर में नए सिरे से सर्वे कराने के साथ तत्काल सीवर लाइन बिछवाई जाए ताकि वर्षों पुरानी समस्या से मुक्ति मिले। 2. आबादी के बीच स्थित प्राचीन तालाब में सीवर गिरा रहा नाला बंद किया जाए। तालाब की विधिवत सफाई के साथ नगर निगम उसका सुंदरीकरण कराए। 3. पूरी आबादी को ध्यान में रखते हुए स्ट्रीट लाइटें नए सिरे से लगाई जाएं। खराब हाईमॉस्ट को भी बदला जाए। 4. दीनापुर में कूड़ा उठान का मुकम्मल इंतजाम हो, कूड़ा उठाने वाली गाड़ी नियमित रूप से आए। कंपोजिट विद्यालय के जर्जर भवन का कायाकल्प हो। 5. तालाब के पास से गुजर रही रोड के टर्निंग प्वाइंट पर मजबूत रेलिंग बने। समय-समय पर फॉगिंग और कीटनाशकों का छिड़काव हो।

शिकायतें

1. दीनापुर में मेनरोड तो बनी मगर सीवर समस्या का समाधान तीन दशकों से नहीं हो पा रहा है। एक सीवर लाइन गलत तरीके से बिछा दी गई है। 2. दीनापुर के ऐतिहासिक तालाब में कई घरों का सीवर एवं गंदा पानी आ रहा है। उसके अस्तित्व पर संकट दिनोंदिन गहराता जा रहा है। 3. बड़ी आबादी को शुद्ध पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है। समय-समय पर यह समस्या बढ़ जाती है। 4. दूर-दूर लगाए जाने से स्ट्रीट लाइटों का फायदा नहीं मिलता। कई लाइटों के साथ हाईमास्ट लंबे समय से खराब पड़ा है। 5. कंपोजिट विद्यालय का भवन जर्जर हो गया है। एक कमरे की छत गिर भी चुकी है। पूरे वार्ड में मच्छरों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।

हमारी भी सुनें

पूरे शहर का सीवर दीनापुर में शोधित किया जाता है जबकि हमलोगों की सीवर समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा। -संजय सिंह

पूरे दीनापुर में शुद्ध पेयजल की समस्या अब भी मौजूद है। इस ओर अधिकारियों का ध्यान दिलाया जा चुका है। सुरेन्द्र प्रताप सिंह

प्राचीन तालाब के सुंदरीकरण के लिए सीएम पोर्टल के साथ नगर निगम से भी आग्रह किया गया है। कार्रवाई का इंतजार है। सतीश कुमार सिंह

ग्राम पंचायत के समय अक्सर कीटनाशकों का छिड़काव हो जाता था। तीन वर्षों से वह बंद है। फॉगिंग भी नहीं होती। -रविशंकर मौर्य

कंपोजिट स्कूल के भवन का जल्द कायाकल्प नहीं हुआ तो किसी दिन वह बड़े हादसे का कारण बन सकता है। -अभिषेक सिंह

तालाब के पास से गुजर रही रोड के टर्निंग प्वाइंट पर मजबूत रेलिंग बने वरना बड़ी दुर्घटना होनी तय है। प्रदीप गौड़

दीनापुर में कूड़ा उठान का मुकम्मल इंतजाम हो, कूड़ा उठाने वाली गाड़ी नियमित रूप से आए। -रमेश कुमार मौर्य

प्राचीन तालाब की सफाई के साथ पास के श्राद्ध स्थल एवं शिव मंदिर का भी सुंदरीकरण होना चाहिए। -प्रदीप कुमार

यहां दूर-दूर लगाई गई स्ट्रीट लाइटों का फायदा नहीं मिलता। कुछ कई महीनों से खराब भी हैं। हाई मास्ट भी नहीं जलता। -छब्बू मौर्य

तालाब के किनारे ही तर्पण-श्राद्ध के लिए शेडयुक्त स्थान बना था जो देखरेख के अभाव में खराब हो चुका है। -योगेन्द्र सिंह

बोले जिम्मेदार

सीवर लाइन का डीपीआर शासन को भेजा है सीवर लाइन का डीपीआर शासन को भेज दिया गया है। दीनापुर एसटीपी की क्षमता 80 एमएलडी बढ़ रही है। तब वार्ड में शामिल चार गांवों का पानी एसटीपी में जाएगा। इस व्यवस्था के बाद शिव तालाब का जीर्णोद्धार शुरू होगा। उसकी डिजाइन तैयार कर ली गई है। सभी कच्ची गलियां भी पक्की कराई जाएंगी।

-अनिल सोनकर, पार्षद-दीनापुर वार्ड

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