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पूर्वांचल की त्रिकोण यात्रा में चुनावी शंखनाद करेंगे पीएम मोदी

लोकसभा चुनाव में अभी देर है मगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दो दिनी पूर्वांचल यात्रा चुनावी शंखनाद के रूप में देखी जा रही है। यूपी में एक माह में उनका यह चौथा दौरा होगा। इसके पहले पीएम नोएडा और संत...

पूर्वांचल की त्रिकोण यात्रा में चुनावी शंखनाद करेंगे पीएम मोदी
वाराणसी अरुण मिश्र Sat, 14 Jul 2018 11:41 AM
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लोकसभा चुनाव में अभी देर है मगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दो दिनी पूर्वांचल यात्रा चुनावी शंखनाद के रूप में देखी जा रही है। यूपी में एक माह में उनका यह चौथा दौरा होगा। इसके पहले पीएम नोएडा और संत कबीरनगर की यात्रा कर चुके हैं। इस बार एक साथ तीन जिलों आजमगढ़, बनारस एवं मिर्जापुर में सभा कर पूर्वांचल को साधेंगे। इसकी शुरुआत वह सपा के गढ़ एवं विपक्षी दलों के खाते वाली एक मात्र आजमगढ़ संसदीय सीट से करने जा रहे हैं। अपनी इस त्रिकोण यात्रा के एक पड़ाव मिर्जापुर में बाणसागर परियोजना के जरिए विकास का नया संदेश देंगे। इसके बाद वह अपने संसदीय क्षेत्र बनारस की जनता से संवाद करेंगे। 

सभी जानते हैं कि यूपी व केन्द्र की सत्ता का रास्ता पूर्वांचल से होकर जाता है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बाद प्रधानमंत्री का यह दौरा कई नजरिए से काफी महत्वपूर्ण होगा। पहला, सहयोगी दलों सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी एवं अपना दल पर राजनीतिक दबाव बनाए रखना एवं बीजेपी के मिशन 2019 की जमीन को मजबूती देना। दूसरा, बनारस में बने पेरिसेबुल कार्गो एवं मिर्जापुर में बाणसागर परियोजना के जरिए किसानों को संदेश देना कि बीजेपी ही उनकी सबसे बड़ी हितैषी है।

पूर्वांचल की आबादी करीब चार करोड़ के करीब है। बीते चार वर्षों के दौरान केन्द्र सरकार का पूरा फोकस पूर्वांचल पर रहा है। चाहे रेल परियोजना हो या फिर फोरेलन। गाजीपुर में मनोज सिन्हा तो मिर्जापुर में अनुप्रिया पटेल ने विकास परियोजनाओं को गति दी। पिछले चार दशक से लटकी बाणसागर परियोजना को पूरा कराने का श्रेय अनुप्रिया पटेल तो पूर्वांचल में रेलवे के जरिए नई रफ्तार देने का श्रेय मनोज सिन्हा को जाता है। 

याद करिए 20 दिसम्बर वर्ष 2013 का दिन जब नरेन्द्र मोदी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद मिर्जामुराद के खजुरी मैदान में पूर्वांचल की पहली चुनावी रैली की थी। उसी दिन बनारस समेत पूर्वांचल के दस जिलों में विकास के उम्मीदों की नींव पड़ गयी थी। सन-14 में चुनाव जीतने के तीसरे दिन काशी आए तो दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में भाग लेकर गंगा सफाई का संकल्प लिया। पीएम बनने के बाद जापान के साथ एमओयू के बाद बनारस को ‘परम्परागत के साथ ही स्मार्ट सिटी’ के रूप में विकसित करने की योजना को जमीन पर उतारने की तैयारी कर ली। छह माह बाद सात नवम्बर 2014 को अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों से मिलने पहुंचे मोदी ने होटल गेटवे में प्रबुद्धजनों के सामने बेटी बचाओ, गंगा घाटों की सफाई, जर्जर तारों से मुक्ति, बैटरी चालित वाहन के संचालन, शौचालय, सफाई व्यवस्था, पंचक्रोशी, एलईडी लाइट, हेरिटेज स्थलों के संरक्षण हैंडलूम-हैंडीक्राफ्ट की ग्लोबल मार्केटिंग की व्यवस्था, हस्तकला केन्द्र, ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए ‘काशी विजन’ का खाका रखा। 

उसके बाद जब भी अपने संसदीय क्षेत्र आए बनारस के विकास को नई रफ्तार दी। पूर्वांचल में फोरलेन, रेलवे स्टेशनों का सौंदर्यीकरण, पैरिशेबल कार्गो, आईपीडीएस, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बाण सागर परियोजना, मेडिकल कालेज, एम्स, सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल, कैंसर संस्थान, जलपरिवहन परियोजना, डीरेका समेत करीब 24 हजार करोड़ की परियोजनाओं के जरिए बनारस समेत पूर्वांचल को पिछड़ेपन से निजात दिलाकर विकास के नए मानदंड तय किए।

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