मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की वरिष्ठ नेता और अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की उपाध्यक्ष सुभाषिनी अली ने कहा कि बीएचयू बवाल के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जिम्मेदार हैं। 22 सितंबर को अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे पीएम यदि छात्राओं से मिल लेते तो इतनी बड़ी घटना न होती।
गुरुवार को पराड़कर भवन में पत्रकारों से बातचीत में सुभाषिनी अली ने कहा कि सुरक्षा के मद्दनेजर पीएम चाहते तो छात्राओं से डीरेका गेस्ट हाउस में मिल सकते थे। बीएचयू के कुलपति को बुलाकर मामले को शांत करा सकते थे। उन्होंने सवाल किया कि अब तक की जांच रिपोर्ट में बीएचयू प्रशासन को जिम्मेदार माना गया है, फिर केंद्र सरकार ने अब तक कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की? कुलपति को इस मामले में बर्खास्त कर देना चाहिये। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग को ज्ञापन सौंपा जायेगा।
छात्राओं पर लाठीचार्ज के संबंध में सुभाषिनी अली ने कहा कि बीएचयू प्रशासन और पुलिस की यह हरकत शर्मनाक थी। उन्होंने प्रो. त्रिपाठी की नियुक्ति पर कहा कि प्रो. जीसी त्रिपाठी का विषय अर्थशास्त्र है लेकिन उनका एक भी अपने विषय पर प्रकाशन नहीं है जिससे उनकी योग्यता पर भी सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने मांग की कि प्रो. त्रिपाठी की ओर से हालिया दिनों में हुई नियुक्तियां रद होनी चाहिये। उनकी जांच भी हो।
माकपा नेता ने कहा कि कुलपति ने यौन उत्पीड़न के दोषी डॉक्टर को बीएचयू अस्पताल का मुखिया नियुक्त कर दिया। सरकार को अस्पताल के एमएस को तत्काल बर्खास्त करना चाहिये। पत्रकार वार्ता में जनवादी महिला समिति की प्रदेश अध्यक्ष मधु गर्ग, महामंत्री मालती देवी, संयुक्त मंत्री सीमा राणा भी मौजूद थीं।