संसदीय कार्यालय न जाने देने पर डीएलडब्ल्यू कर्मचारी आक्रोशित
निगमीकरण के विरोध में आंदोलित डीरेका के कर्मचारी शनिवार को ज्यादा आक्रोशित हो गए जब उन्हें प्रधानमंत्री के रवीन्द्रपुरी स्थित जनसंपर्क कार्यालय जाने से रोक दिया गया। आंदोलन के छठे दिन सभी कर्मचारी...
निगमीकरण के विरोध में आंदोलित डीरेका के कर्मचारी शनिवार को ज्यादा आक्रोशित हो गए जब उन्हें प्रधानमंत्री के रवीन्द्रपुरी स्थित जनसंपर्क कार्यालय जाने से रोक दिया गया। आंदोलन के छठे दिन सभी कर्मचारी पीएम नरेन्द्र मोदी को संबोधित ज्ञापन देने रवीन्द्रपुरी जाना चाहते थे। उन्हें डीरेका के मेन गेट से आगे नहीं बढ़ने दिया गया। तब कर्मचारियों ने मेन गेट पर ही पांच घंटे तक प्रदर्शन किया। तीखी धूप में भी कर्मचारियों की सरकार विरोधी नारेबाजी गूंजती रही। प्रदर्शन में काफी संख्या में महिला कर्मचारी भी शामिल थीं।
कर्मचारियों ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से शांतिपूर्वक जुलूस रोके जाने पर सवाल किया और इसे अलोकतांत्रिक करार दिया। डीएम के माध्यम से पीएम तक ज्ञापन पहुंचाने के आश्वासन पर प्रदर्शन समाप्त हुआ।
शनिवार सुबह कारखाने के पूर्वी गेट से काफी संख्या में डीरेकाकर्मी काला झंडा व बांहों पर काली पट्टी बांधकर चले। उनमें कई महिला कर्मचारी भी शामिल थीं। मेन गेट बंद देख कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ गया। नेताओं के समझाने पर वे शांत हुए और वहीं बैठ गए। इस दौरान कर्मचारियों ने एक एंबुलेंस को रास्ता देकर अपनी संवेदनशीलता दिखाई। कर्मचारियों की मांग थी कि उन्हें जनसंपर्क कार्यालय तक जाने दिया जाए लेकिन मौके पर पहुंचे एडीएम सिटी विनय प्रताप सिंह व एसपी सिटी दिनेश सिंह ने कर्मचारियों को समझाया।
डीरेका बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से हो रहे विरोध प्रदर्शन में डीएलडब्ल्यू मज़दूर संघ, रेल मजदूर यूनियन, मेंस कांग्रेस ऑफ डीएलडब्ल्यू, डीएलडब्ल्यू मेंस यूनियन समेत एससी-एसटी एसोसिएशन, ओबीसी एसोसिएशन, आईआरटीएसए व कर्मचारी परिषद शामिल हुए। प्रदर्शन में कृष्ण मोहन तिवारी, अरविंद श्रीवास्तव, राजेंद्र पाल, आलोक वर्मा, सरदार सिंह, हरिशंकर यादव, विनोद सिंह, अजीमुल हक, नवीन सिन्हा, प्रदीप यादव आदि मौजूद थे।