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16 साल की सजा काटकर बाहर आया पाकिस्तान का नागिरक

16 साल की सजा पूरी करने के बाद पाकिस्तानी कैदी जलालुद्दीन को केन्द्रीय कारागार वाराणसी से रविवार को रिहा कर दिया गया। पुलिस की एक टीम जलालुद्दीन को लेकर बाघा बार्डर के लिए रवाना हो गई है, जहां पर उसे...

16 साल की सजा काटकर बाहर आया पाकिस्तान का नागिरक
हिन्दुस्तान टीम,वाराणसीSun, 04 Nov 2018 10:08 PM
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16 साल की सजा पूरी करने के बाद पाकिस्तानी कैदी जलालुद्दीन को केन्द्रीय कारागार वाराणसी से रविवार को रिहा कर दिया गया। पुलिस की एक टीम जलालुद्दीन को लेकर बाघा बार्डर के लिए रवाना हो गई है, जहां पर उसे सोमवार को पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा। वह वर्ष 2001 में कैंटोमेंट क्षेत्र में संदिग्ध कागजात के साथ पकड़ा गया था। सजा पूरी करने के दौरान जलालुद्दीन ने ना केवल परास्नातक तक पढ़ाई की बल्कि वह अपने साथ भगवत गीता भी ले गया है।

पाकिस्तान के सिंध प्रांत के ठट्ठी जिले के बिलालनगर का रहने वाला जलालुद्दीन (42) वर्ष 2001 में कैंटोमेंट क्षेत्र के एयरफोर्स कार्यालय के पास से पकड़ा गया था। उसके पास से छावनी समेत कई प्रमुख स्थानों के नक्शे मिले थे। कोर्ट ने वर्ष 2003 में उसे अलग-अलग धाराओं में 33 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद जलालुद्दीन ने हाईकोर्ट में एक साथ सजा सुनाने की अपील की। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद एक साथ 16 साल की सजा भुगतने का आदेश दिया।

एक साल बाद हुई रिहाई

जलालुद्दीन की सजा वर्ष 2017 अक्तूबर महीने में ही पूरी हो गई। लेकिन पाकिस्तान दूतावास से अनुमति मिलने में एक साल का वक्त लग गया। पाकिस्तान से सहमति के बाद ही उसे चार नवंबर को बाघा बार्डर के लिए ले रवाना किया गया। बार्डर पर पांच नवंबर को पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा। जलालुद्दीन को बाघा ले जाने वाली टीम में एसआई कश्यप सिंह, कांस्टेबल सिद्धार्थ, विवेक पाल व भूषण शामिल हैं।

सजा के दौरान एमए तक की पढ़ाई

सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक अंबरीश गौड़ ने बताया कि जलालुद्दीन जेल में बंद हुआ तो उसकी उम्र 26 साल थी और वह केवल हाईस्कूल पास था। परिवार के नाम पर केवल मां थी, लेकिन अब कोई जिन्दा है या नहीं इसकी जानकारी नहीं है। सजा के दौरान ही उसने इंटर, बीए और एमए किया।

भगवत गीता साथ ले गया जलालुदीन

वरिष्ठ जेल अधीक्षक के अनुसार सजा के दौरान जलालुदीन का व्यवहार बहुत अच्छा रहा। वह पिछले तीन सालों से जेल प्रीमियर लीग (जेपीएल) क्रिकेट में अंपायरिंग कर रहा है। वह श्रीकृष्ण के महाभारत के दौरान दिए गए ज्ञान से प्रभावित था। इसी कारण वह अपने साथ भगवत गीता ले गया है।

कोई देश नहीं उठा सकेगा बुरी नजर

रिहाई के दौरान जलालुद्दीन ने दो पत्र एक हिन्दी और एक ऊर्दू में लिखा है। उसने कहा है कि यूरोपियन यूनियन की तर्ज पर हिन्दुस्तान और पाकिस्तान भी एक हो जाए तो दुनिया का कोई भी देश हमारी तरफ नजर नहीं उठा सकेगा। और हम तेजी से विकास कर अमन से रह सकेंगे।

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