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पद्मश्री प्रो.राम शकर त्रिपाठी का निधन

बौद्ध दर्शन के जाने-माने विद्वान पद्मश्री प्रो.रामशंकर त्रिपाठी का सोमवार को महमूरगंज स्थित निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे। उनके निधन की सूचना मिलते ही लोहिया नगर (सारनाथ) स्थित आवास...

पद्मश्री प्रो.राम शकर त्रिपाठी का निधन
हिन्दुस्तान टीम,वाराणसीTue, 19 Feb 2019 01:39 AM
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बौद्ध दर्शन के जाने-माने विद्वान पद्मश्री प्रो.रामशंकर त्रिपाठी का सोमवार को महमूरगंज स्थित निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे। उनके निधन की सूचना मिलते ही लोहिया नगर (सारनाथ) स्थित आवास पर पर पहुंच कर विद्वानों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रो. राम शकर त्रिपाठी का जन्म 15 अक्टूबर 1929 को मध्यप्रदेश के सोडलपुर इटारसी में हुआ था । वर्ष 1950 में काशी आए। सम्पूर्णानन्द विश्वविद्यालय से शास्त्री, आचार्य, पी एच डी , डी.लिट करने के बाद सम्पूर्णानन्द विश्व विद्यालय में बौद्ध दर्शन के शिक्षक हो गए। वर्ष 1990 में सेवानिवृत्त होने के बाद सारनाथ के केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में रिसर्च प्रोफेसर बन गए। वह निरंतर सक्रिय रहे। अंतिम समय तक छात्रों का मार्गदर्शन करते थे। कई शोध छात्र उनके घर पर जाकर नियमित अध्ययन करते थे।

उनके निधन सूचना मिलते ही केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान कुलपति प्रो. नवांग समतेन, कुलसचिव डॉ. आर के उपाध्याय समेत कई शिक्षक उनके आवास पर पहुंच गए। अंत्येष्टि देर रात मणिकर्णिकाघाट पर हुई। अंतिम संस्कार के समय सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और बीएचयू के कई शिक्षक मौजूद थे।

प्रो.त्रिपाठी में सौत्रान्तरिक दर्शन, बौद्ध दर्शन प्रस्थान, मोट देश में माध्यमिक दर्शन, न्याय बिंदु, धर्मोत्तर टीका सहित कई किताबों का लेखन, सम्पादन, व अनुवाद किया है। 22 अगस्त 1995 को राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया। 2005 में शंकर पुरस्कार मिला। 14 अप्रैल 2009 को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने पद्मश्री से अलंकृत किया। 1998 में संस्कृत अकादमी का पुरस्कार प्रदान किया। कालिदास सम्मान से भी सम्माति किए गए। इसके अलावा उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान हासिल है।

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