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वीडीए में नक्शा के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू

विकास प्राधिकरण में ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रुवल सिस्टम के तहत भवनों व कॉलोनियों का नक्शा पास कराने के लिए शनिवार से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गया है। इसके लिए विशेष वेब पोर्टल https://www.upobps.in...

वीडीए में नक्शा के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू
वाराणसी। कार्यालय संवाददाता Sat, 09 Dec 2017 09:12 PM
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विकास प्राधिकरण में ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रुवल सिस्टम के तहत भवनों व कॉलोनियों का नक्शा पास कराने के लिए शनिवार से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गया है। इसके लिए विशेष वेब पोर्टल https://www.upobps.in तैयार किया गया है। जहां आवेदन से लेकर एप्रुवल तक कार्रवाई होगी। पिछले एक सप्ताह से ऑफलाइन आवेदन पर रोक लगा दी गयी थी।

कमिश्नर सभागार में राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी ने वेब पोर्टल का शुभारम्भ करते हुए कहा कि शासन की मंशा है कि कार्यों में पारर्दिशता लायी जाए। जिसके मद्देनजर आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने सूबे के सभी प्राधिकरणों में आवासीय भूखंडों के समस्त मानचित्रों को आनलाइन स्वीकृति का साफ्टवेयर विकसित किया गया है। राज्यमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन व्यवस्था की जानकारी आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए वार्डों में अधिकारियों व अर्किटेक्टों के साथ कैैम्प लगाएं। वीडीए दफ्तर में अधिकारियों व कर्मचारियों के माध्यम से प्रचार-प्रसार करें। कहा कि जरूरत पड़े तो वर्कशॉप का आयोजन कर अधिकारियों व कर्मचारियों व्यवस्था के प्रति फ्रेंडली बनाएं। उन्होंने मंडलायुक्त से भी अनुरोध किया कि इसका प्रचार-प्रसार करने के लिए सभी विभागों की भागीदारी भी सुनिश्चित हो। 

बिना अधिकृत आर्किटेक्ट के ले-आउट पर विचार नहीं 
उपाध्यक्ष पुलकित खरे ने बताया कि व्यवस्था के तहत अब बिना अधिकृत आर्किटेक्ट के बनाए गए ले-आउट पर विचार नहीं होगा। अधिकृत आर्किटेक्ट को वीडीए रजिस्टे्रेशन नंबर भी देगा। उन्हीं आर्किटेक्ट को अधिकृत माना जाएगा, जिसका कौंसिल में रजिस्ट्रेशन किया गया है। नक्शा पास करने के दौरान आर्किटेक्ट का वैरीफिकेशन होगा। बताया कि 100 वर्ग मीटर या उससे कम भू-स्वामियों को नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होगी। केवल आर्किटेक्ट के बनाए ले-आउट पर निर्माण हो। 

भविष्य में किस्त में दे सकते हैं कम्पाउंडिंग फीस 
वीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि वेब पोर्टल पर आवेदन के दौरान नक्शा से सम्बंधित सभी प्रकार के शुल्क एकमुश्त ले लिए जाएंगे। हालांकि शासन से इसे किश्तों में भी अदायगी के लिए अनुरोध किया गया है। उपाध्यक्ष ने बताया कि नक्शा रिजेक्ट होने पर फीस की अदायगी मैनुअली प्रक्रिया से होगी। हालांकि सीधे खाते में धनराशि लौटाने के लिए बातचीत चल रही है। 

आवेदनकर्ता को ही लेनी होगी एनओसी
ऑनलाइन आवेदन में उपभोक्ता को ही अब स्वयं एनओसी देना होगा। आवेदन प्रक्रिया के दौरान आवेदक को वीडीए में जमा करना होगा। जिसे विभाग के कर्मचारी वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। अभी तक विभाग पत्र के माध्यम से सभी विभागों से एनओसी लेता था। 

वेब पोर्टल की खास बातें  
- यदि मानचित्र में कोई कमी है तो अधिकतम दो कार्य दिवसो में ई-मेल के माध्यम से अवगत करा दिया जायेगा। अन्यथा मानचित्र स्वत: स्वीकृत हो जायेगा तथा आवेदक को ई-मेल पर भी प्रेषित कर दिया जायेगा।
- आवेदक अपने आवेदन पर कार्यवाही को वेबसाइट पर ट्रैक कर सकता है।
-  वेब पोर्टल पर भवन का क्षेत्रफल के हिसाब से स्वत: कैलकुलेशन का भी प्राविधान किया गया है। 
- मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड का उपयोग किया गया है। 
- ई-पेमेन्ट, गेट-वे से आनलाइन भुगतान की व्यवस्था की गयी है।
- प्रत्येक स्तर पर आवेदक को एसएमएस द्वारा सूचना प्रेषित की जाएगी।
- स्वीकृत मानचित्र की वैधानिकता को सुरक्षित करने के लिए दफ-उङ्मिी का प्रावधान किया गया है।
- साफ्टवेयर में एप्लीकेशन, कालोनी एवं अन्य आवश्यक विवरण के लिए सर्च टूल का प्रावधान भी किया गया है।
- ऑनलाइन मानचित्रों से सम्बंधित समस्त सूचनाएं व विवरण एकीकृत रूप में प्राधिकरण स्तर व प्रदेश स्तर पर सदैव उपलब्ध रहेगी। 

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