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न जुर्माना न जेल का डर, पॉलीथीन का उपयोग जारी

सरकार ने निर्धारित मानक से कम मोटी पॉलीथीन की बिक्री एवं उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। उस पॉलीथीन की बिक्री और उपयोग करते पकड़े जाने पर जुर्माना और जेल जाने तक का कानून बन गया है। कमिश्नर और डीएम ने...

न जुर्माना न जेल का डर, पॉलीथीन का उपयोग जारी
वाराणसी। कार्यालय संवाददाताTue, 17 Jul 2018 08:19 PM
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सरकार ने निर्धारित मानक से कम मोटी पॉलीथीन की बिक्री एवं उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। उस पॉलीथीन की बिक्री और उपयोग करते पकड़े जाने पर जुर्माना और जेल जाने तक का कानून बन गया है। कमिश्नर और डीएम ने प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को छापेमारी का भी निर्देश दे दिया है मगर इसका अभी स्थानीय मार्केट में कोई डर-खौफ नहीं दिख रहा है।

चंदुआ सट्टी से लेकर विश्वेश्वरगंज एवं गली-मुहल्ले की दुकानों में बिक्री और उपयोग जारी है। सब्जी-फल, किराना, राशन व जनरल स्टोर, मिठाई सहित तमाम दुकानों पर ग्राहकों को पॉलीथीन की थैलियों में सामान दिये जा रहे हैं। 

जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने सोमवार को पुलिस प्रशासनिक अफसरों को शहर में पॉलीथीन के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने का निर्देश दिया था मगर मंगलवार को कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति होती रही। प्रशासनिक स्तर पर सख्त कार्रवाई न शुरू होने पर अब सवाल उठने लगे हैं जबकि व्यापारी, उद्यमी, मीडिया पॉलीथीन मुक्त बनारस के लिए अभियान चलाए हुए हैं। स्कूलों से लेकर सार्वजनिक स्थलों पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। मंगलवार को भी विभिन्न इलाकों में जागरूकता अभियान चलाया गया।

केवल कोरम पूरा कर रहे अफसर
जिला प्रशासन व नगर निगम के अधिकारी मुख्यमार्गों पर ही जांच की औपचारिकता पूरी कर रहे हैं जबकि गलियों की दुकानों को छोड़ दिया जा रहा है। शासनादेश के अनुसार तय राशि के मुताबिक जिले में अब तक एक भी जुर्माना नहीं लगाया गया है। यदि जांच अधिकारी केवल चंदुआ सट्टी, दशाश्वमेध, सुंदरपुर, चेतगंज, पहाड़िया, विश्वेश्वरगंज की सब्जी मंडियों में ही दबिश देकर जुर्माना लगा दें तो हालात कुछ और होंगे।  

प्रदेश सरकार के नये शासनादेश में प्लास्टिक के ग्लास, कप, चम्मच-प्लेट की बिक्री, उपयोग, भंडारण, वितरण प्रतिबंधित किया गया है लेकिन प्रशासन की तीन दिनों के दौरान कार्रवाई सिर्फ पॉलीथीन थैलियों को जब्त करने तक सीमित रही है। जिला प्रशासन ने नगर निगम सहित जिला पंचायत, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग को भी जांच के निर्देश दिये हैं। लेकिन नगर निगम को छोड़कर अन्य विभागों ने अब तक टीमें भी नहीं बनाई हैं। 

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