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बाबतपुर की ओर तेजी से विकसित हो रहा नया बनारस

नरेन्द्र मोदी के पहले सांसद और फिर प्रधानमंत्री बनने का असर बनारस विस्तार के रूप में दिखने लगा है। हालांकि यह अनियोजित ही है लेकिन दशकों बाद विस्तार को गति मिलने से आने वाले समय में आर्थिक विकास में...

बाबतपुर की ओर तेजी से विकसित हो रहा नया बनारस
वाराणसी अरुण मिश्रTue, 09 Jan 2018 02:59 PM
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नरेन्द्र मोदी के पहले सांसद और फिर प्रधानमंत्री बनने का असर बनारस विस्तार के रूप में दिखने लगा है। हालांकि यह अनियोजित ही है लेकिन दशकों बाद विस्तार को गति मिलने से आने वाले समय में आर्थिक विकास में भी तेजी तय माना जा रहा है। 

प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक विकास की सर्वाधिक रफ्तार वाराणसी-बाबतपुर, आजमगढ़ मार्ग पर दिख रही है। इसका अंजाद इन मार्गों पर हर माह डेढ़ से दो सौ जमीनों की रजिस्ट्री से लगाया जा सकता है। तीन साल के अंदर यह आंकड़ा आठ हजार पार कर गया है। खास यह कि ज्यादातर ने व्यवसाय एवं कारोबार के लिए जमीनों की रजिस्ट्री करायी है। तीन साल के अंदर बीस किमी के दायरे में संपत्तियों की सबसे अधिक खरीद-फरोख्त के पीछे केन्द्र सरकार की परियोजनाओं को सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है।

बनारस के विकास के लिए जिम्मेदार संस्था वीडीए ने कई बार प्लान तैयार किया लेकिन कोई प्लान जमीन पर उतर नहीं पाया। सबसे पहले बना नई काशी एक ऐसा प्रोजेक्ट था जिसके तहत बनारस चौथरफा विकास होना था। लेकिन उसके राजनीतिक भेंट चढ़ जाने से बनारस एक दायरे में बंधकर रह गया। नरेन्द्र मोदी के बनारस से सांसद बनने के बाद यहां जमीनों के भाव चढ़े तो बाहरी आमद के चलते शहर विस्तार ने आकार लेना शुरू कर दिया। तीन साल के अंदर बीस किमी के दायरे में शहर फैल गया। रजिस्ट्री विभाग की रिपोर्ट के अनुसार शहर के दूसरे इलाकों की तुलना में वाराणसी-जौनपुर रोड पर जमीनों की रजिस्ट्री से अधिक राजस्व मिला है। 

एक दर्जन से अधिक प्रोजेक्ट 
वाराणसी-जौनपुर रोड पर वाराणसी-बाबतपुर फोरलेन के साथ ही एयरपोर्ट के विस्तार, चार सौ एकड़ में संस्कृति केन्द्र, सीआरपीएफ के बेस कैंप, मेट्रो परियोजना, गंगा ऊर्जा समेत कई परियोजनाओं का खाका तैयार किया गया है। इनमें फोरलेन, ऊर्जा गंगा का काम चल रहा है। जबकि एयरपोर्ट विस्तारीकरण का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा गया है। संस्कृति केन्द्र व सीआरपीएफ के बेस कैंप के लिए जमीन का सर्वे हो चुका है। इन योजनाओं के चलते ही कालोनाइजरों, रियल स्टेट कंपनियों, बड़े उद्योगपतियों ने इस इलाके में कदम रखा है। आने वाले दिनों में तीन बड़े होटल व रिजार्ट का निर्माण भी इस इलाके में शुरू होने जा रहा है। 

प्रधानमंत्री आवास योजना पर जल्द काम 
प्रधानमंत्री आवास योजना भी इसी इलाके में प्रस्तावित है। अगले महीने एक हजार आवासों पर काम शुरू होना है। इसके अलावा सीएनजी स्टेशन बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। 

दस हजार करोड़ की परियोजना पर चल रहा काम 
इलाके में करीब दस हजार करोड़ की परियोजना पर काम चल रहा है। इनमें 571 करोड़ से फोरलेन, 1000 करोड़ से ऊर्जा गंगा परियोजना, 500 करोड़ से रिंग रोड का काम, 900 करोड़ से वाराणसी-आजमगढ़ फोरलेन के निर्माण का कार्य चल रहा है। इसके अलावा बाबतपुर से पलहीपट्टी-मोहाव होते हुए चौबेपुर तक टू-लेन सड़क 50 करोड़, वाराणसी-सिंधोरा मार्ग टू लेन प्रोजेक्ट 45 करोड़ एवं बाबतपुर-थानागद्दी टू-लेन प्रोजेक्ट 40 करोड़ रुपए का काम चल रहा है। बाबतपुर-भदोही फोरलेन का काम पूरा कर लिया गया है। केवल ओवरब्रिज बनाना बाकी है। 

तीन साल में शहर का तेजी से विस्तार हुआ है। इसके पीछे केन्द्र व राज्य सरकार की कई बड़ी परियोजनाएं बड़ा कारण हैं। आने वाले दिनों में इसका नियोजित रूप दिखेगा। कारोबारी गतिविधियां बढ़ेंगी। 
योगेश्वर राम मिश्र, जिलाधिकारी 

संबंधित मार्गों पर हर महीने डेढ़ से दो सौ संपत्तियों की खरीद-फरोख्त हो रही है। क्योंकि इस इलाके में कई बड़े प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। लगभग बीस किमी के दायरे में विस्तार को गति मिलनी तय है। 
अशोक कुमार गुप्त, डीआईजी स्टांप

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