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सांस की नली और फेफड़े में संक्रमण से सर्वाधिक मौत

सांस की नली और फेफड़े में संक्रमण के कारण जिले में सबसे अधिक कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है। इसके बाद शुगर और उससे जुड़ी अन्य बीमारियों से...

सांस की नली और फेफड़े में संक्रमण से सर्वाधिक मौत
हिन्दुस्तान टीम,वाराणसीFri, 26 Feb 2021 09:30 PM
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वाराणसी। मोदस्सिर खान

सांस की नली और फेफड़े में संक्रमण के कारण जिले में सबसे अधिक कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है। इसके बाद शुगर और उससे जुड़ी अन्य बीमारियों से संक्रमितों की मौत हुई है। यानी एक तिहाई मौत तीव्र श्वसन संक्रमण से हुई है।

यह खुलासा स्वास्थ्य विभाग के डेथ ऑडिट रिपोर्ट में हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक बनारस के अस्पतालों में कोरोना से 456 लोगों की मौत हुई है। इसमें बनारस के 377 लोग शॉमिल हैं। कोरोना से मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम डेथ ऑडिट करती है। इसके मुताबिक सबसे ज्यादा 166 लोगों की मौत तीव्र श्वसन संक्रमण यानी सांस की नली और फेफड़े में संक्रमण के कारण हुई है। शुगर और उससे जुड़ी अन्य बीमारियों के कारण 97 लोगों की मौत हुई। गुर्दे में समस्या से कारण 64 लोगों की मौत हुई है। हाइपर टेंशन और इससे जुड़ी अन्य बीमारियों से जुझ रहे 43, ह्रदयरोग और अन्य समस्या होने के कारण 23, टीबी से जुड़े 11 और अन्य बीमारियों से जूझ रहे 52 लोगों की मौत हुई है। दरअसल रिकॉर्ड में बनारस में 456 मौत हुई है, लेकिन 79 मौत बनारस के बाहर रहने वालों की हुई है। इस कारण उन्हे बनारस में नहीं जोड़ा गया है। इसकी रिपोर्ट संबंधित जिले में भेज दी गई है। सीएमओ डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि कोरोना से मौत होने के बाद एक एक केस की ऑडिट हुई।

26 दिनों से बनारस में नहीं हुई मौत

बनारस में लंबे समय बाद बाद काफी राहत भरी खबर है। यहां पिछले 26 दिनों से कोरोना से किसी की मौत नहीं हुई है। इसके साथ ही कोविड अस्पताल लेवल-1 पिछले डेढ़ महीने से खाली है। बीएचयू में महज चार मरीजों का इलाज हो रहा है। लगातार बनारस में कोरोना के कम हो रहे मामले और लंबे समय से मृत्यु नहीं होने के कारण स्वास्थ्य विभाग ने काफी राहत महसूस की है।

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