विपत्ति आए तो प्रभु के नाम का आश्रय लें : राघव ऋषि
Varanasi News - वाराणसी में संत राघव ऋषि ने श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कहा कि जीवन में दुखों का सामना करने के लिए प्रभु का नाम लेना आवश्यक है। उन्होंने महालक्ष्मी की आराधना को महत्वपूर्ण बताया और गोवर्धन लीला के बारे...

वाराणसी, मुख्य संवाददाता। जीवन में जब भी दुख, विपत्ति आए तो सिर्फ प्रभु के नाम का आश्रय लेना चाहिए। भगवती महालक्ष्मी भोग और मोक्ष दोनों प्रदान करने वाली देवी है। प्रत्येक जीव को महालक्ष्मी आराधना करना अपेक्षित है। ये बातें संत प्रवर राघव ऋषि ने कहीं।
वह श्रीऋषि आश्रम सेवा समिति की ओर से नुआंव स्थित उर्मिला उपवन में हो रही श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन बुधवार को प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गोवर्धन लीला भक्ति बढ़ाने वाली लीला है। भक्ति बढ़ाने के लिए कुछ समय पवित्र स्थल पर जाकर महालक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए। तभी वे हमारी रक्षा करेंगी। यह संपूर्ण संसार गोवर्धन प्रभु के ही सहारे है। कथाक्रम में श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि यह लीला लक्ष्मी नारायण भगवान के मिलन की कथा है। इस अवसर पर धूमधाम से श्रीकृष्ण की बारात निकाली गई और श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह सम्पन्न हुआ। कन्यादान की रस्म मुख्य यजमान राजेंद्र गोयनका, राहुल गोयनका एवं तनय गोयनका ने सपत्नीक निभाई। इस अवसर पर सौरभ ऋषि ने भजन प्रस्तुत किए।
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