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सावन : धक्का देकर गर्भगृह से निकाले गए दर्शनार्थी

चन्द्रग्रहण खत्म होते ही शनिवार की भोर में हरहर महादेव के घोष से गंगा तट से विश्वनाथ मंदिर तक का इलाका गूंज उठा। गंगा स्नान के बाद हर कदम बाबा विश्वनाथ की ओर ही बढ़ने लगे थे। मंगला आरती विलंब से शुरू...

सावन : धक्का देकर गर्भगृह से निकाले गए दर्शनार्थी
वाराणसी। हिन्दुस्तान संवादSun, 29 Jul 2018 11:58 AM
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चन्द्रग्रहण खत्म होते ही शनिवार की भोर में हरहर महादेव के घोष से गंगा तट से विश्वनाथ मंदिर तक का इलाका गूंज उठा। गंगा स्नान के बाद हर कदम बाबा विश्वनाथ की ओर ही बढ़ने लगे थे। मंगला आरती विलंब से शुरू होने के कारण दर्शनार्थियों को  प्रतीक्षा करनी पड़ी। प्रतीक्षा के बाद मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे श्रद्धालुओं को सुरक्षाकर्मियों के असंवेदनशील आचरण का सामना करना पड़ा। 

आलम यह था कि भक्तों ने एक दरवाजे से गर्भगृह में कदम रखा नहीं कि दूसरे दरवाजे पर खड़ा सुरक्षाकर्मी उन्हें बाहर करने के लिए खींचने लगता। लोग बाबा को एक नजर देखने की गुहार करते रह गए लेकिन इन सुरक्षाकर्मियों ने एक नहीं सुनी। महिलाओं, पुरुषों, बच्चों सभी को भेड़-बकरियों की तरह धक्का दे-दे कर गर्भगृह से बाहर निकाला गया। सुरक्षाकर्मियों के इस आचरण की चर्चा सोशल साइट्स पर भी हैं। कुछ साइट पर काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी चलाई जा रही है उसमें सुरक्षाकर्मियों को भक्तों के साथ बेअदबी के साथ पेश आते देखा जा सकता है।

स्नान के बाद गंगा तट से ही श्रद्धालु लाइन में लग चुके थे।  एक कतार ज्ञानवापी से मां गंगा को स्पर्श कर रही थी तो दूसरी चौक थाने से आगे निकल चुकी थी। भोग आरती तक लगभग 32 हजार लोगों ने दर्शन किया था। बैरिकेडिंग पूरा नहीं होने के कारण दर्शनार्थियों को कतार लगाने में भी दिक्कत हुई। जब गंगा घाट से भक्तों की भीड़ गोदौलिया की ओर बढ़ने लगी थी, तब भी बल्लियां गाड़ने के लिए बीच सड़क पर ड्रिलिंग हो रही थी।

अर्चक पर भी जवान ने उठाया हाथ
सावन के पहले ही दिन सुरक्षाकर्मियों और दर्शनार्थियों के बीच कई प्वाइंट पर कहासुनी हुई। असभ्य आचरण करने पर ज्ञानवापी पर कतार में खड़ी कुछ महिलाओं ने सुरक्षाकर्मियों को जमकर खरीखोटी सुनाई। खिझलाए सुरक्षाकर्मिंयों ने कुछ देर बाद भक्तों के साथ बल  प्रयोग भी किया। कुछ दर्शनार्थियों के हाथों में झोले और पॉलीथीन देखकर वे भड़क गए। पीएसी के एक जवान ने विश्वनाथ मंदिर के अर्चक श्रीकांत मिश्र पर हाथ भी उठा दिया। अर्चक ने इस मामले में उच्चाधिकारियों से शिकायत की है।

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