योगनिद्रा से जागेंगे भगवान विष्णु
कार्तिक माह की एकादशी का पर्व 19 नवंबर को मनाया जाएगा। हरिप्रबोधिनी एकादशी के रूप में इस दिन का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु इसी दिन योगनिद्रा से जागृत होते हैं। एकादशी की तिथि...
कार्तिक माह की एकादशी का पर्व 19 नवंबर को मनाया जाएगा। हरिप्रबोधिनी एकादशी के रूप में इस दिन का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु इसी दिन योगनिद्रा से जागृत होते हैं। एकादशी की तिथि रविवार की दोपहर 1:34 बजे ही लग गई, लेकिन उदया तिथि में 19 नवंबर को मिलने के कारण हरिप्रबोधिनी एकादशी सोमवार को मनाई जाएगी। एकादशी की तिथि सोमवार को दोपहर 2:30 बजे तक रहेगी।
एकादशी का व्रत एवं नहान भी 19 नवंबर को ही होगा। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन अन्न ग्रहण करना पूरी तरह निषेध किया गया है। ऐसी मान्यता है कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन भगवान विष्णु क्षीर सागर में योगनिद्रा के लिए प्रस्थान करते हैं। चार माह पश्चात कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन भगवान का जागरण होता है। ज्योतिषचार्य डॉ. विमल जैन के अनुसार हरिप्रबोधिनी एकादशी से कार्तिक पूर्णिमा तक तुलसी जी का विशेष विधान के साथ पूजन अर्चन किया जाता है। एकादशी के दिन काशी में विभिन्न स्थानों पर तुलसी विवाह की परंपरा निभाई जाती है। गुजराती समुदाय के लोगों में घर-घर यह आयोजन किया जाता है। तुलसी विवाह का मुख्य आयोजन पंचगंगा घाट पर होगा।