वाराणसी। वरिष्ठ संवाददाता
जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा कौशल विकास विश्वविद्यालय के लिए जमीन तलाशने गुरुवार को एसडीएम सदर व तहसीलदार के साथ भंदहाकला व रजवारी पहुंचे। यहां सेना की 50 एकड़ जमीन का स्थलीय निरीक्षण किया। एसडीएम ने डीएम को बताया कि 10 एकड़ जमीन का आवंटन पहले हो चुका है। डीएम ने एसडीएम को जमीन के राजस्व के रिकॉर्ड सहित अन्य दस्तावेज का मूल्यांकन करने के लिए कहा है।
कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने बनारस में देश का पहला कौशल विकास विश्वविद्यालय बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन से जमीन के बाबत जानकारी मांगी है। विश्वविद्यालय के लिए करीब 30 से 50 एकड़ जमीन की आवश्यकता है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि मंत्रालय की डिमांड पर अगले हफ्ते तक जमीन के सम्बंध में प्रस्ताव बनाकर भेज दिया जाएगा।
आत्मनिर्भर भारत अभियान को मिलेगी गति
डीएम ने बताया कि विश्वविद्यालय खुलना न केवल पूर्वांचल बल्कि यूपी, बिहार, झारखंड सहित आसपास के प्रदेशों के युवाओं के लिए यह सुनहरा मौका होगा। देशभर में कौशल विकास केंद्रों में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है। लेकिन प्रशिक्षण देने वाले शिक्षकों के कौशल विकास की व्यवस्था अभी तक कहीं नहीं है। यह प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान को तेजी से गति देगा। विश्वविद्यालय में कौशल मिशन के तहत तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा देने के साथ ही शोध भी होंगे। इसके अलावा निजी कम्पनियों की मदद से बाजार में मांग के अनुरूप अनुबंध पर पाठ्यक्रम भी संचालित होंगे।