बैंकों की हड़ताल से 500 करोड़ का कारोबार प्रभावित
बैंकों की हड़ताल से बनारस में 500 करोड़ों रुपये से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ है। इसमें 200 करोड़ रुपये केवल एसबीआई में काम ठप होने से हुआ। करोड़ों रुपये के चेक क्लीयर नहीं हो सके और नेफ्ट व आरटीजीएस...
बैंकों की हड़ताल से बनारस में 500 करोड़ों रुपये से ज्यादा का कारोबार प्रभावित हुआ है। इसमें 200 करोड़ रुपये केवल एसबीआई में काम ठप होने से हुआ। करोड़ों रुपये के चेक क्लीयर नहीं हो सके और नेफ्ट व आरटीजीएस से खाताधारक फंड ट्रांसफर नहीं कर सके।
विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों ने मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ एसोसिएशन (एसबीआईएसए) व स्टेट बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एसबीआईओए) की ओर से कचहरी स्थित जोनल कार्यालय में कर्मचारियों व अधिकारियों ने प्रदर्शन किया। एसबीआईओए के मंडल अध्यक्ष केके चौबे ने कहा कि ये हड़ताल आम खाताधारकों के हितों के लिये की गई है। बैंकों के शुल्क बढ़ने से खाताधारकों को नुकसान हो रहा है। प्रदर्शन में एसबीआईएसए के उपमाहमंत्री राजू राय, शैलेंद्र कुमार, एके सिंह, विनोद शंकर सिंह, पीएस वेंकटरमन, दिनेश कुमार सिंह, विपिन बिहारी राय, एसके चतुर्वेदी आदि मौजूद थे।
यूपी बैंक इम्प्लाइज यूनियन (यूपीबीईयू), इलाहाबाद बैंक स्टाफ एसोसिएशन की ओर से नदेसर स्थित इलाहाबाद बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय पर प्रदर्शन हुआ। यूपीबीईयू के प्रदेश अध्यक्ष आरबी चौबे ने कहा कि सरकार को आम खाताधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए नीतियां तय करनी चाहिये। प्रदर्शन में संजय शर्मा, प्रमोद द्विवेदी, एसके सेठ, पीके घोष, अनिल पाण्डेय, इमरान अली, वीपी तिवारी, जोखूराम सोनकर आदि मौजूद थे। बैंक ऑफ बड़ौदा के क्षेत्रीय कार्यालय पर कर्मचारियों ने प्रदर्शन हुआ। यहां बॉब स्टाफ एसोसिएशन के उप महामंत्री पीके घोष, राघवेंद्र चतुर्वेदी, एसपी राय, एसबी माथुर, गौरव चतुर्वेदी, मोहनलाल, आईपी हिन्डोचा आदि मौजूद थे।
बैंक इम्पलाइज फेडरेशन उत्तर प्रदेश के परांतीय अध्यक्ष शिवनाथ यादव ने बताया कि बैंक यूनियन के यूनाइटेड फोरम के आह्वान पर हड़ताल पूरी तरह सफल रही। सिकरौल स्थित यूनियन बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय पर प्रदर्शन में केके मुरारका, मंजाद अली, वीके जायसवाल, सौरभ कुमार, रीतेश वर्मा, वीके जोशी, शोभनाथ आदि मौजूद थे।
मुख्य मांगें
-पार्लियामेंट कमेटी की एनपीए वसूली संबंधी सुधारों को लागू किया जाये
-बैड लोन की वसूली के लिये सख्त कदम उठाया जाये
-बैंक बोर्ड ब्यूरो समाप्त किया जाये
-एपआरडीआई बिल का प्रस्ताव वापस हो
-पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की भर्ती
-सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण न किया जाये
-जानबूझकर बैंक ऋणों को न चुकाने पर फौजदारी मुकदमा दर्ज हो
-उद्योगपतियों के एनपीए की वसूली भी सख्ती से की जाये