आचरण में भी दिखे जीवन मूल्य : इंद्रेश कुमार
बीएचयू के मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र में मंगलवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती मनाई गई। मुख्य अतिथि के रूप में आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा कि समाज में आचरण...
बीएचयू के मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र में मंगलवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती मनाई गई। मुख्य अतिथि के रूप में आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा कि समाज में आचरण होना चाहिए, केवल सिद्धांत नहीं और इन आचरण में जीवन मूल्य होना चाहिए। ये मूल्य ही हमें इंसान बनाते हैं, इनके बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं है।
उन्होंने कहा कि पंडित जी का भी यही विचार था कि जीवन मूल्य विहीन नहीं मूल्य युक्त होना चाहिए। हम जब एकता, प्रेम, शांति जैसे जीवनमूल्यों के साथ जीते थे तब न गरीबी थी न ही कोई अत्याचार-व्यभिचार था। हमें अपने पारम्परिक मूल्यों की ओर लौटने की कोशिश करनी होगी। वही जीवन मूल्य हमे भारतीय बना पाएगा। पंडित जी का चिंतन हमें सपनों के भारत निर्माण की राह बताता है।
विशिष्ट अतिथि पुनरुत्थान विश्वविद्यालय अहमदाबाद की कुलपति प्रो. प्रो. इंदुमती काटदरे ने कहा कि पंडित जी ने एकात्म मानववाद चिंतन से भारत की परंपराएं स्थापित करने का प्रयास किया। आज की शिक्षा में भी हमें भारतीय परंपराओं का समावेश करना होगा। सामाजिक विज्ञान संकाय के प्रमुख प्रो. रामप्रवेश पाठक ने कहा कि हमारे मन में देशभक्ति की भावना होनी चाहिए। स्वागत पंडित दीनदयाल पीठ के चेयर प्रो. श्याम कार्तिक मिश्र ने किया।
इस अवसर पर युवा संसद का भी आयोजन हुआ। कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों ने वाद-विवाद के मुख्य विषय धारा 370 व अनुच्छेद 35 ए के अवलोकन में जम्मू-कश्मीर को मिले विशेषाधिकार पर चर्चा की। इस अवसर पर प्रो. अरविंद जोशी, प्रो. आर्यन त्रिपाठी, प्रो. राकेश पांडेय, प्रो. अभिमन्यु सिंह, डॉ. अमिता, जयप्रकाश, नीलेश सीमा मिश्रा, शिखा मिश्रा, सीमा मिश्रा आदि उपस्थित थीं।