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भविष्य पर दृष्टि रखता है साहित्यकार

कवि और कथाकार हृदयेश मयंक ने कहा है कि साहित्यकार अपने समय और समाज के सरोकारों से पूरा वास्ता रखते हुए भी मानवता का संचेतक होता है। इसलिए वह अपने समय में फैले हुए धुंध के पार भविष्य पर भी दृष्टि रखता...

भविष्य पर दृष्टि रखता है साहित्यकार
वाराणसी। वरिष्ठ संवाददाता Mon, 20 Nov 2017 04:29 PM
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कवि और कथाकार हृदयेश मयंक ने कहा है कि साहित्यकार अपने समय और समाज के सरोकारों से पूरा वास्ता रखते हुए भी मानवता का संचेतक होता है। इसलिए वह अपने समय में फैले हुए धुंध के पार भविष्य पर भी दृष्टि रखता है। हृदयेश रविवार को अग्रसेन पीजी कॉलेज के सभागार में आयोजित साहित्यिक संघ के 26वें वार्षिक अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि यथार्थ के नाम पर केवल विकृतियों और विद्रूपताओं का चित्रण करना साहित्यकार के गौरव के अनुकूल नहीं है। अपने समय के प्रश्नों से टकराते हुए भी अच्छा साहित्यकार समय के पार देखने की साधना करता है। अध्यक्षीय संबोधन में प्रख्यात गीतकार माहेश्वर तिवारी ने कहा कि जब-जब समाज में अलगाव, बिखराव तथा दिशाहीनता की स्थिति उत्पन्न हुई साहित्य ने ही समाधान का रास्ता दिखाया। 

इस मौके पर साहित्यिक संघ की ओर से माहेश्वर तिवारी (मुरादाबाद), हृदयेश मयंक (मुम्बई), योगेंद्र वर्मा व्योम (मुरादाबाद), एमडी मिश्र आनंद (टीकमगढ़),  नरेंद्र शर्मा ‘कुसुम’ (जयपुर), डॉ. उमेश प्रसाद सिंह (चंदौली), ऊषा ओझा (पटना), संदीप राशिनकर (इंदौर), कमलेश भट्ट ‘कमल’, धर्मेंद्र कुशवाहा, शिवपूजन लाल विद्यार्थी (वाराणसी) को ‘सेवक साहित्यश्री सम्मान-2017’ से सम्मानित किया गया। इसके अलावा डॉ. दयानिधि मिश्र, डॉ. रामअवतार पांडेय, विजय जैन, नरेंद्रनाथ मिश्र, केदारनाथ राय, प्रकाश त्रिपाठी, वासुदेव उबेराय, डॉ. रामसुधार सिंह, मनीष पांडेय आदि को उत्तरीय, प्रशस्तिपत्र स्मृति चिह्न, पुष्पाहार समर्पित किया। 

साहित्यिक संघ के संस्थापकों एवं उन्नायकों स्व. ठाकुर प्रसाद सिंह, पंडित पारसनाथ मिश्र ‘सेवक’, पंडित महेंद्रनाथ मिश्र और हाल में ही दिवंगत साहित्यकार मनुशर्मा के चित्र पर अतिथियों ने माल्यार्पण किया। महेंद्रनाथ मिश्र की स्मृति में काव्य गोष्ठी में कवियों ने अपनी रचनाएं पढ़ीं। समारोह का संचालन साहित्यिक संघ के मंत्री जितेंद्रनाथ मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन वासुदेव उबेराय ने किया। अधिवेशन की समाप्ति से पहले दिवगंत साहित्यकारों कवि कुंवर नारायण, पद्मभूषण गिरिजा देवी, साहित्यकार मनु शर्मा, नाट्य निर्देशिका डॉ. शंकुतला शुक्ल के निधन पर दो मिनट का मौन रखा गया। अग्रसेन पीजी कॉलेज के प्रबंधक अनिल कुमार जैन ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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