टोक्यो ओलंपिक में जलवा बिखेरेंगे काशी के ललित
महामारी से जूझते हुए उबर रहे शहर को हॉकी के चमकते सितारे ललित उपाध्याय ने काशीवासियों को एक बड़ी खुशखबरी दी है। टोक्यो ओलंपिक के लिए 16 सदस्यीय टीम...
वाराणसी। कार्यालय संवाददाता
महामारी से जूझते हुए उबर रहे शहर को हॉकी के चमकते सितारे ललित उपाध्याय ने काशीवासियों को एक बड़ी खुशखबरी दी है। टोक्यो ओलंपिक के लिए 16 सदस्यीय टीम इंडिया में चयन की खबर से न केवल खेल जगत बल्कि सभी ने हर्ष जताया है। ललित उपाध्याय काशी से चौथे खिलाड़ी होंगे, जो ओलंपिक में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व करते दिखेंगे। ओलंपिक में करीब ढाई दशक बाद वाराणसी के लिए यह मौका आया है। इससे पहले मो. शाहिद, विवेक सिंह और राहुल सिंह ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
ललित उपाध्याय शिवपुर के छोटे से गांव भगतपुर से हैं। अपने चयन पर हर्ष जताते हुए कहा कि वह टीम और देश के लिए हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करते हैं। ओलंपिक के लिए भी कड़ा अभ्यास हो रहा है। टीम के साथ मिलकर श्रेष्ठ प्रदर्शन करें, यही कोशिश होगी। देश के लिए मेडल लाने का सपना है। बता दें कि ललित फारवर्ड खेलते हैं। ललित के पिता सतीश उपाध्याय और मां सरिता देवी हैं। बड़े भाई अमित उपाध्याय हैं। पिता की कपड़े की दुकान है। ललित भारत पेट्रोलियम लखनऊ में अधिकारी हैं।
मास्को ओलंपिक के बाद मेडल की उम्मीद
भारत को ओलंपिक में चार दशक पहले पदक मिला था। साल 1980 में मास्को ओलंपिक में टीम ने गोल्ड मेडल जीता था। तब हॉकी के उस्ताद कहे जाने वाले मो. शाहिद टीम में थे। इसके बाद टीम का प्रतिनिधित्व ओलंपिक में रहा, लेकिन मेडल नहीं आ सका। इस बार फिर टीम से ओलंपिक मेडल की उम्मीद है।
यूपी कॉलेज के मैदान में सीखा ककहरा
वाराणसी। ललित ने साल 2003 से यूपी कॉलेज के मैदान से हॉकी का ककहरा सीखना शुरू किया। परमानंद मिश्रा के निर्देशन में ललित नियमित तौर पर अभ्यास करते रहे और आगे बढ़ते गए। ललित अपने कॅरियर को ऊंचाई पर पहुंचाने का श्रेय अपने गुरु परमानंद मिश्रा को देते हैं। वह कहते हैं, परिवार के लोगों का पूरा समर्थन मिला। ललित अब तक 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं।
हॉकी की परंपरा को आगे बढ़ाया
वरुणा पार क्षेत्र हॉकी की नर्सरी रहा है। यहां से मो. शाहिद, विवेक सिंह और राहुल के बाद अब ललित ने ओलंपिक में खेलने की परंपरा को आगे बढ़ाया है। ललित ही नहीं, वरुणा पार क्षेत्र के आधा दर्जन खिलाड़ी जूनियर हॉकी टीम के सदस्य हैं। बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। इनसे भी लोगों को काफी उम्मीदें हैं।
एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में दिला चुके हैं गोल्ड
ललित उपाध्याय ने साल 2014 और 2018 के हॉकी विश्वकप में हिस्सा लिया था। इसके अलावा साल 2014 और 2016 में चैंपियंस ट्राफी में भी देश का प्रतिनिधित्व किया। टीम ने सिल्वर मेडल जीता था। 2016 और 2018 में एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में टीम के साथ मिलकर देश के लिए दो गोल्ड मेडल जीते। अभी कुछ माह पहले अर्जेंटीना में प्रो-लीग में भी जीत हासिल की थी।