फलों का राजा: आवक बढ़ी तो बिक्री घटी, डंप हुआ सात सौ कुंतल आम
प्रदेश के विभिन्न जिलों से आम की आवक बढ़ी तो वाराणसी की पहड़िया मंडी में आमों की बिक्री घट गई है। इससे सात सौ कुंतल से अधिक आम डंप हो गए हैं। इसके पीछे बाहर के व्यापारियों की संख्या में कमी के अलावा...
प्रदेश के विभिन्न जिलों से आम की आवक बढ़ी तो वाराणसी की पहड़िया मंडी में आमों की बिक्री घट गई है। इससे सात सौ कुंतल से अधिक आम डंप हो गए हैं। इसके पीछे बाहर के व्यापारियों की संख्या में कमी के अलावा आम लोगों की क्रय शक्ति में कमी भी बड़ी वजह मानी जा रही है। वहीं, आम के थोक रेट का फुटकर ग्राहकों को लाभ नहीं मिल रहा है। बहुतायत में आम की आवक होने पर भी ठेलों पर आम 40 से 60 रुपये प्रति किलो की दर से कम नहीं है। जबकि थोक में लंगड़ा और दशहरी प्रजातियों के का रेट 10 से 25 रुपये किलो है।
इस साल आम के उत्पादन वाले इलाकों में इसकी फसल अच्छी हुई है। पहड़िया मंडी में रोज मानिकपुर, प्रतापगढ़, सहारनपुर, अमरोही, मुरादाबाद, बरेली, गोरखपुर आदि इलाकों से पिकअप, ट्रक सहित करीब सौ गाड़ियां आम लेकर पहुंच रही हैं। इनमें लंगड़ा, दशहरी, चौसा और सफेदा जैसे आम हैं। बिक्री कम होने से उनका रेट 10 से 25 रुपये किलो तक पहुंच गया है। कारोबारी किशन सोनकर, नंदलाल सोनकर और दशरथ प्रसाद ने बताया कि बिक्री होने न होने से मंडी में सात सौ कुंतल से अधिक आम पड़ा है। बारिश की वजह से बाहर के खरीदार कम आ रहे हैं। वहीं बाजार में भी इसकी खपत कम हो गई है। उन्होंने बताया कि मंडी में आम ऐसे ही पड़ा रहा तो काफी नुकसान हो सकता है।