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‘हमको लौटा दोस्त वही पुराने वाले...

Varanasi News - वाराणसी में पंजाबी अकादमी और नवभारत निर्माण समिति द्वारा कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। कवियों ने दोस्ती और हास्य-व्यंग्य की रचनाओं से दर्शकों का मन मोह लिया। दान बहादुर, अंबरीष ठाकुर, बलजीत कौर और डॉ....

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीMon, 7 Oct 2024 12:13 AM
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वाराणसी, संवाददाता। पंजाबी अकादमी और नवभारत निर्माण समिति की ओर से रविवार को शिवपुर स्थित ऋषि वैदिक अनुसंधान योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में कवि सम्मेलन हुआ। इस दौरान कवियों ने दोस्ती, हास्य-व्यंग्य की रचनाओं से समां बांधा। शुरुआत कवि दान बहादुर की कविता ‘खुली जुल्फें भंवर गालों पे, उसपर झील सी आंखें धनक पाबेज है... से हुई। इसके बाद अंबरीष ठाकुर की पंक्तियों ‘इश्क करते थे जिन्हें देख जमाने वाले, हमको लौटा दोस्त वही पुराने वाले पढ़ी तो लोग वाहवाही करने से खुद को रोक नहीं सके। दिल्ली के कवि बलजीत कौर ने ‘कविता किसी को चाह लो तो चाहत हो जाती है, अपना बना लो तो आदत हो जाती है... ने खूब तालियां बटोरी। डॉ. श्लेष गौतम ने ‘लिखा किया रह जाएगा, रहता नहीं शरीर। इसलिए मरत नहीं तुलसी, सूर, कबीर रचना ने खूब तालियां अपने नाम कीं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल 95 बटालियन के कमांटेंड राजेश्वर बालापुरक रहे। इस दौरान बृजेश सिंह, अरविंद मिश्रा, दुर्गेश सिंह, कंचन सिंह, शैलंद्र सिंह, हरेंद्र सिंह, महेश जायसवाल, प्रशांत सिंह आदि की खास मौजूदगी रही।

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