काशी विद्यापीठ: नैक टीम ने दिया रिसर्च और पब्लिकेशन बढ़ाने का सुझाव
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में नैक (नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिएशन काउंसिल) की पीयर टीम का तीन दिवसीय निरीक्षण सोमवार से शुरू हुआ। पहले दिन टीम ने आठ विभागों का पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन देखा। शोध और...
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में नैक (नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिएशन काउंसिल) की पीयर टीम का तीन दिवसीय निरीक्षण सोमवार से शुरू हुआ। पहले दिन टीम ने आठ विभागों का पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन देखा। शोध और पब्लिकेशन में और सुधार लाने को कहा।
पिछले साल तीन साल से शोध में पंजीकरण न होने से अधिकतर विभागों में टीम के सदस्यों ने सवाल पूछा कि उनके यहां शोध क्यों नहीं हो रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि शिक्षकों को पब्लिकेशन वर्क बढ़ाना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों और विभागाध्यक्षों से कई सवाल पूछे। कुछ के जवाब से संतुष्ट नजर आए। कुछ के जवाब पर दोबारा सवाल पूछा। दो भागों में बंटी टीम ने हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी, इतिहास, मंचकला, मनोविज्ञान, समाजशास्त्र और राजनीतिशास्त्र विभाग का भ्रमण किया।
इससे पहले उन्होंने केंद्रीय पुस्तकालय का प्रेजेंटेंशन देखा। पुस्तकालय में छात्रोपयोगी सुविधाएं बढ़ाने को कहा। उन्होंने संकायाध्यक्षों का प्रेजेंटेशन देखा। बीच-बीच में कई सवाल भी पूछे। कार्यपरिषद के सदस्यों के साथ उनकी बैठक हुई। सदस्यों ने विश्वविद्यालय का इतिहास, उपलब्धियों और आवश्यकताओं के बारे में बताया। पीयर टीम प्रशासनिक भवन के कामकाज का भी अवलोकन किया। इसी दौरान आईक्यूएसी (इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल) के साथ बैठक की। एकेडेमिक एक्सीलेंस (शैक्षिक गुणवत्ता) बढ़ाने के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। निरीक्षण की शुरूआत कुलपति प्रो.टीएन सिंह के साथ बैठक से हुई। शाम को गांधी अध्ययनपीठ में टीम के सदस्यों के स्वागत में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
पीयर टीम के अध्यक्ष एवं रीवां विश्वविद्यालय तथा हिमाचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति व प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो. ए.डी.एन. वाजपेयी हैं। । नेशनल ला विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति एवं नैक पीयर टीम के समन्वय सदस्य प्रो. वी. विजय कुमार के साथ नैक पीयर टीम के सदस्य इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की कुलपति प्रो. मांडवी सिंह, रीजनल सेंटर, हैदराबाद के अध्यक्ष प्रो. शीला प्रसाद, बॉटनी विभाग, मैसूर विश्वविद्यालय के प्रो. के.ए. रवीश, संस्कृत विभाग, रविन्द्र भारती विश्वविद्यालय, कोलकाता के प्रो. सत्यनारायण चक्रवर्ती भी टीम में बतौर सदस्य शामिल थे। उनके साथ आईक्यूएसी के समन्वयक प्रो.के.एस.जयसवाल और कुलसचिव डॉ.साहब लाल मौर्य भी थे।