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सावन का पहला सोमवार: केशरियामय हुई काशी, शिव मंदिरों में गूंजा बम-बम भोले-वीडियो देखें

सावन के प्रथम सोमवार पर बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार में जल चढ़ाने, शीशनवाने को हजारों कांवरियें और शिव भक्तों का तांता लगा है। कांवरिया  रविवार की शाम से ही शहर में डेरा डाल लिए...

सावन का पहला सोमवार: केशरियामय हुई काशी, शिव मंदिरों में गूंजा बम-बम भोले-वीडियो देखें
हिन्दुस्तान टीम,वाराणसीMon, 10 Jul 2017 12:44 PM
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सावन के प्रथम सोमवार पर बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार में जल चढ़ाने, शीशनवाने को हजारों कांवरियें और शिव भक्तों का तांता लगा है। कांवरिया  रविवार की शाम से ही शहर में डेरा डाल लिए हैं। इस बार महिला कांवरियों के साथ ही लड़कियां भी कांवर उठाएं दिखीं।

आज सावन का पहला सोमवार है इसलिए भगवान के मंदिर में सुबह साढ़े चार बजे ही शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने वाले भक्तों की लंबी लंबी कताीरें देखने को मिल रही हैं।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश छत्ताद्वार होना है। बाबा के दर्शन को लगायी गयी बैरेकेडिंग देरशाम होते ही भक्तों की कतार से हाउसफुल हो गया। एक ओर गोदौलिया और दूसरी ओर नीचीबाग तक दर्शनार्थी डटे रहे। मंदिर परिसर बिल्व पत्र और फूलों की खूश्बू से आच्छादित रहा तो बाबा की भष्मी का सौंदर्य काशी में हर ओर दिखा। हर-हर महादेव से गंगा तट व काशी का कोना-कोना गुलजार है।

रविवार को ही करीब 40 हजार कांवरियों ने बाबा का दर्शन किये। गंगा तट हो या शहर का कोई भी मार्ग हर ओर बस बोल-बम, बोल-बम का नारा बुलंद रहा। कांधे पर कांवर उठाये हजारों कांवरिये काशी में विचरण करते दिखे। नजर जिधर भी जाएं आंखे केशरीयामय हो जाती। कॉवरियों की उपस्थित से भोले की नगरी केशरिया रंग में ढ़ली दिखी। बाबा का दर्शन-पूजन करने के बाद नगर के विभिन्न शिवालयों में भी कांवरिये जल चढ़ाते दिखे। ज्यादातर कॉवरियों का जत्था पैदल ही काशी पहुंचा है। इनके साथ डीजे तो था लेकिन कानून के चलते मौन रहा।

कांवर यात्रा: 76000 सामान्य और 3500 डाक कांवरियों ने उठाया जल

बोल-बम के जयघोष के साथ नाचते कॉवरियों का दल आकर्षण का केन्द्र बना रहा। ट्रक, टै्रक्टर, जीप, साइकिल, बाइक आदि पर सवार हो कांवरियों का जत्था देररात तक काशी पहुंच रहा है। काशी से जुड़ने वाले सभी मार्ग पर कॉवरियों की आवाजाही से गुलजार रहे। रविवार को कैथी स्थित मार्कण्डेय महादेव, सारनाथ स्थित सारंग देव, रोहनिया स्थित शूलटंकेश्वर महादेव, मृत्युंजय महादेव, गौरी केदारेश्वर महादेव, तिलभाण्डेश्वर महादेव, बीएचयू स्थित श्री विश्वनाथ मंदिर आदि शिवालयों में जलअर्पित करते दिखे।

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