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पहले सोमवार की पूर्व संध्या पर कैलाशी की काशी दिखी केसरिया-केसरिया

सावन के पहले सोमवार की पूर्व संध्या पर रविवार को ही भूतभागवन भगवान शंकर की काशी केसरिया-केसरिया हो गई। क्या कैंट रेलवे स्टेशन और क्या दशाश्वमेध घाट। हर जगह बोलबम का उद्घोष करते कांवरियों का हुजूम ही...

पहले सोमवार की पूर्व संध्या पर कैलाशी की काशी दिखी केसरिया-केसरिया
हिन्दुस्तान टीम,वाराणसीSun, 21 Jul 2019 09:34 PM
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सावन के पहले सोमवार की पूर्व संध्या पर रविवार को ही भूतभागवन भगवान शंकर की काशी केसरिया-केसरिया हो गई। क्या कैंट रेलवे स्टेशन और क्या दशाश्वमेध घाट। हर जगह बोलबम का उद्घोष करते कांवरियों का हुजूम ही नजर आ रहा था। शिवभक्ति गीतों पर नाचते, डमरू बजाते, उतावले, मतवाले कांवरियों का अल्लढ़पन सहज दिखा। नाचते गाते घाट की ओर बढ़ती कांवरियों की टोलियां भक्ति का रंग बिखेर रही थीं। उछलते-कूदते चल रही टोलियों में शामिल कांवरिये श्रीराम की वानरी सेना का आभास करा रहे थे। 

दिनभर चलता रहा दर्शन का दौर
बाबा दरबार में सुबह से ही भक्तों द्वारा दर्शन पूजन का क्रम जारी रहा। बाबा को जल चढ़ाने वालों में उन कांवरियों की संख्या अधिक थी जो काशी का गंगाजल अन्य जिलों स्थित महादेव मंदिरों में चढ़ाने के लिए रवाना हो गए। भक्तों की भीड़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रविवार को मंदिर के कपाट बंद होने से पूर्व करीब 80 हजार लोगों ने दर्शन पूजन किया। केसरिया कपड़ों में उमड़ा हुजूम विदेशी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। कंधे पर कांवर लेकर बोल बम-बोल बम करते पुरुषों, महिलाओं और बच्चों का शिव के प्रति समर्पण उनके लिए कौतूहल का विषय रहा। 

शूलटंकेश्वर में सुरक्षा के खास प्रबंध
काशी की दक्षिणी सीमा शूलटंकेश्वर में सावन के प्रथम सोमवार पर दर्शन-पूजन की तैयारी पूरी कर ली गई है। मंदिर से काफी दूर पहले ही वाहनों को रोक दिया जाएगा। बैरिकेडिंग इस प्रकार की गई है कि जिन्हें गंगा तट पर जाना है वे अलग हो जाएंगे और जिन्हें मंदिर जाना है उनका रास्ता अलग हो जाएगा। मंदिर में जाने के लिए लोगों को मेटल डिटेक्टर से होकर गुजरना होगा। निकासी के लिए अलग रास्ता बनाया गया है। गंगा में रस्सी बांधकर बैरिकेडिंग की गई है। घाट के किनारे पुलिस और पीएसी बल भी तैनात किया गया है। मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। रंग बदलने वाली विद्युत लाइटें मंदिर की शोभा अधिक बढ़ा देंगी।

दुरुस्त किए गए सारंगनाथ मंदिर के रास्ते
सावन के पहले दिन से ही सरनाथ में मेले की शुरुआत हो चुकी है। पहले सोमवार को हजारों दर्शनार्थी भगवान सारंगनाथ के दर्शन-पूजन पहुंचेंगे। यादव बंधुओं द्वारा पारंपरिक जलाभिषेक के निमित्त होने वाली भीड़ को देखते हुए रास्ते के गड्ढे भरे जा चुके हैं। सारंगनाथ महादेव मंदिर को भी रंगीन रोशनी से सजाया गया है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आकाशवाणी तिराहे पर बैरिकेटिंग कर दी गई है। 100 पुलिसकर्मी दो शिफ्ट में मंदिर की सुरक्षा में तैनात रहेंगे। 12 सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ता ,स्काउट और गाइड भी तैनात रहेंगे।

रामेश्वर में पूरी हुई बैरिकेडिंग
पंचक्रोशी यात्रा के तीसरे पड़ाव रामेश्वर में सावन मास में दर्शनार्थियों व कांवरियों के भीड़ के मद्देनजर जिला प्रशासन के निर्देश पर रामेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य द्वार व वरुणा नदी पुल के दोनों किनारों पर बैरिकेडिंग हो गई है। वरुणा नदी में स्नान के लिए श्रद्धालु गहरे पानी में न जाये इसके लिए वरुणा किनारे ट्यूब व रस्सी लगा दी गई है। पंचक्रोशी मार्ग पर बड़े वाहनों के रोक के लिए पाचोंशिवाला व रामेश्वर इण्टर कालेज के पास सड़क पर बैरियर लगा दिया गया हैं। 

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