पं. कमलापति त्रिपाठी जयंती: 'तथ्यों के जरिये सच परोसना ही पत्रकारिता'
जाने माने पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी ने कहा कि तथ्यों के साथ सच परोसना ही पत्रकारिता है। कहा कि आज तकनीक के विस्तार को पत्रकारिता समझा जा रहा है लेकिन यह एक माध्यम है। पत्रकारिता नहीं है। वह...
जाने माने पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी ने कहा कि तथ्यों के साथ सच परोसना ही पत्रकारिता है। कहा कि आज तकनीक के विस्तार को पत्रकारिता समझा जा रहा है लेकिन यह एक माध्यम है। पत्रकारिता नहीं है। वह शुक्रवार को नागरी नाटक मंडली में आयोजित पं. कमलापति त्रिपाठी राष्ट्रीय पत्रकारिता सम्मान एवं जयंती समारोह के मुख्य अतिथि थे।
उन्होंने कहा कि कारपोरेट पूंजीवाद ने राजनीति, सत्ता संस्थानों और मीडिया ही नहीं, देश के लोकतंत्र पर शिकंजा कस लिया है। पं. कमलापति त्रिपाठी के विषय में कहा कि उन्होंने पं. नेहरू के विरुद्ध हिन्दी के पक्ष में मतदान किया था। पं. कमलापति ने आजादी के संघर्ष में भाग लिया और पत्रकारिता के दायित्व को निभाया। अध्यक्षता कर रहे लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. रमेश दीक्षित ने कहा कि कमलापति त्रिपाठी जन सरोकार के लिये समर्पित राजनीतिज्ञ थे।
इस मौके पर पुण्य प्रसून वाजपेयी को पं. कमलापति त्रिपाठी राष्ट्रीय पत्रकारिता सम्मान पुरस्कार दिया गया। सम्मान स्वरूप प्रमाणपत्र और एक लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान दी गई। कमलापति त्रिपाठी फाउण्डेशन के अध्यक्ष राजेशपति त्रिपाठी ने उनका स्वागत किया। समारोह को राणा गोस्वामी, ललितेशपति त्रिपाठी, डा. राजेश मिश्र, अजय राय, शालिनी यादव और राज बहादुर ने सम्बोधित किया। स्वागत भाषण सतीश चौबे, धन्यवाद ज्ञापन बैजनाथ सिंह और संचालन प्रो. सतीश कुमार ने किया।
इस दौरान कमलापति त्रिपाठी: बहुआयामी व्यक्तित्व शीर्षक की पुस्तिका तथा kashigaurav.com वेबसाइट का लोकार्पण भी हुआ। इस मौके पर डा. क्षेमेन्द्र त्रिपाठी, प्रो. एमएम वर्मा, विजयशंकर पाण्डेय, सुभाष सिंह, अत्रि भरद्वाज, प्रभुनाथ पाण्डेय, डा.अनुराग टंडन, प्रेम मिश्र, महंत राजेन्द्र तिवारी, प्रजानाथ शर्मा, सीताराम केसरी, डा. प्रमोद पाण्डेय, अनिल श्रीवास्तव, मणिशंकर पाण्डेय आदि मौजूद थे।