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झूला धीरे से झुलाओ बनवारी...

गंगा के अस्सी तट पर शनिवार को सुबह-ए-बनारस में अंजू सिंह के स्वर गूंजे। सूर्य स्तुति, गंगा आरती, यज्ञ आदि के बाद अंजू ने राग भैरव में गायन शुरू किया। ठुमरी कौन गली गयो श्याम... प्रस्तुत करने के बाद...

झूला धीरे से झुलाओ बनवारी...
हिन्दुस्तान टीम,वाराणसीSat, 08 Jul 2017 06:06 PM
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गंगा के अस्सी तट पर शनिवार को सुबह-ए-बनारस में अंजू सिंह के स्वर गूंजे। सूर्य स्तुति, गंगा आरती, यज्ञ आदि के बाद अंजू ने राग भैरव में गायन शुरू किया। ठुमरी कौन गली गयो श्याम... प्रस्तुत करने के बाद तुलसीदास का पद-अब लौं नसानी अब नसैहों... सुनाया। कजरी-झूला धीरे से झुलाओ बनवारी... से समापन किया। तबले पर अंकित सिंह तथा हारमोनियम पर नागेन्द्र शर्मा ने साथ दिया। कलाकार को प्रमाणपत्र डॉ. सीमा मोदी ने प्रदान किया। पं. विजय प्रकाश मिश्र ने योगाभ्यास कराया। संचालन डॉ. प्रीतेश आचार्य ने किया।

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