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्र हाइड्रोजन से कभी भी-कहीं भी विद्युत उत्पादन संभव

आईआईटी बीएचयू के केमिकल इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिकों की टीम ने मेथेनॉल से अल्ट्रा-प्योर हाइड्रोजन उत्पादन के लिए मेंबरेन...

्र हाइड्रोजन से कभी भी-कहीं भी विद्युत उत्पादन संभव
हिन्दुस्तान टीम,वाराणसीSun, 14 Mar 2021 03:02 AM
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वाराणसी। प्रमुख संवाददाता

आईआईटी बीएचयू के केमिकल इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिकों की टीम ने मेथेनॉल से अल्ट्रा-प्योर हाइड्रोजन उत्पादन के लिए मेंबरेन रिफॉर्मर तकनीक पर आधारित एक प्रोटोटाइप विकसित किया है। अब हाइड्रोजन से कभी भी, कहीं भी विद्युत का उत्पादन संभव है। यह प्रोटोटाइप भारत में अपनी तरह का पहला है। दुनिया भर में ऐसी कोई भी व्यावसायिक इकाई उपलब्ध नहीं है।

विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजेश कुमार उपाध्याय और उनकी टीम द्वारा की गई खोज भारत सरकार के मिशन हाईड्रोजन के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है। डॉ. उपाध्याय ने बताया कि यह प्रोटोटाइप जीवाश्म ईंधन के उपयोग और कार्बन फुटप्रिंट को कम करेगा। कॉम्पैक्ट इकाई के चलते इसका उपयोग ऑन-साइट या ऑन-डिमांड अल्ट्रा-प्योर हाइड्रोजन उत्पादन करना आसान है। इस तकनीक से मात्र 15 एमएल/मिनट मेथेनॉल से 13 लीटर/मिनट 99.999 प्रतिशत शुद्ध हाइड्रोजन अलग किया जा सकता है। प्रोटोटाइप को हाइड्रोजन ईंधन सेल के साथ एकीकृत कर एक किलोवाट तक बिजली उत्पादन करने में सफलता मिली है। डीजल-आधारित जेनरेटर के स्थान पर बेहतर विकल्प बन सकता है।

इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज करने में उपयोगी

विकसित प्रोटोटाइप से इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज हो सकते हैं। प्रो. उपाध्याय की टीम मोबाइल इलेक्ट्रिक वाहन चार्जर्स के क्षेत्र में काम कर रही है, जहां विकसित प्रोटोटाइप को मोबाइल वैन में स्थापित किया जा सकता है। इलेक्ट्रिक वाहन के उपयोगकर्ता कार्यालय या घर में रहते हुए चार्जिंग सुविधा के लिए एप-आधारित मॉड्यूल का उपयोग कर सकते हैं। इससे न केवल यूजर का समय बचेगा बल्कि चार्जिंग स्टेशनों पर कतार भी कम होगी। यह इकाई हाइड्रोजन-आधारित कार के लिए बेहद कारगर साबित होगी। ऐसी इकाइयों को पेट्रोल पंपों पर स्थापित किया जा सकता है। यह तकनीक ग्रिड पर भार को कम करेगी। हाइड्रोजन के उपयोग को बढ़ावा देगी। एक किलोवाट के प्रोटोटाइप के डिजाइन की वर्तमान परियोजना भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्तपोषित है।

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हाइड्रोजन ऊर्जा के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि मेंबरेन रिफॉर्मर तकनीक पर आधारित प्रोटोटाइप यूनिट ‘मेक इन इंडिया और ‘आत्मनिर्भर भारत की पहल को भी बढ़ावा देने वाली है। आईआईटी बीएचयू सरकार के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। संस्थान उन अग्रणी संस्थानों में से एक है जो हाइड्रोजन ऊर्जा के सभी पहलुओं पर काम कर रहा है। विशेष रूप से परिवहन क्षेत्र में उपयोगी अनुप्रयोगों के लिए हाइड्रोजन ऊर्जा के उत्पादन और उपयोग को समायोजित करने के लिए संस्थान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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