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बहनों से मामूली झगड़े में मासूम ने फांसी लगाकर जान दी

वाराणसी में सारनाथ के पास स्थित सत्संग नगर कालोनी स्थित एक लान के बरामदे में आठ वर्षीय शुभम पटेल ने बुधवार की देर शाम को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। गुरुवार को पूछताछ में शुभम की बहन खुशी (12)...

बहनों से मामूली झगड़े में मासूम ने फांसी लगाकर जान दी
हिन्दुस्तान संवाद,सारनाथ (वाराणसी)Thu, 11 Jul 2019 08:03 PM
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वाराणसी में सारनाथ के पास स्थित सत्संग नगर कालोनी स्थित एक लान के बरामदे में आठ वर्षीय शुभम पटेल ने बुधवार की देर शाम को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। गुरुवार को पूछताछ में शुभम की बहन खुशी (12) ने पुलिस को बताया कि चौकी पर सोने को लेकर झगड़ा करने के बाद उसने फांसी लगा ली। 

सारनाथ इंस्पेक्टर विजय बहादुर सिंह के अनुसार खुशी ने बताया कि मां पिंकी पटेल बुधवार की शाम चार बजे काम पर चली गईं। इसके बाद चौकी पर सोने को लेकर शुभम, अनन्या (10) व उसके बीच झगड़ा हुआ। झगड़े के बाद शुभम ने बातचीत बंद कर दी और चौकी के नीचे ही सो गया।

दोनों बहनें चौकी पर सो गई। इसी दौरान प्यास लगने पर उसने अनन्या को पानी लाने के लिए भेजा। अनन्या जब पानी लाने गई तो देखा कि शुभम बांस की तिरछी खड़ी सीढ़ी पर सबसे ऊपर वाले डंडे में दुपट्टे का फंदा बनाकर फांसी पर लटका है। अनन्या ने यह बात आकर बताई तो दोनों ने शुभम को फंदे से उतारा और मां को सूचना दी।

खुशी ने बताया कि शुभम कुछ दिनों से फांसी लगाकर जान देने की बात कह रहा था। मौके पर जांच के लिए सीओ कैंट डॉ. अनिल कुमार भी पहुंचे थे। उन्होंने भी अनन्या व खुशी से बातचीत की। मृतक का परिवार मूलरूप से बिहार के बेगूसराय के चिड़िया थाना के विक्रमपुर का रहने वाला है। 

मार के डर से ढक दी थी फंदे वाली जगह
इंस्पेक्टर सारनाथ ने बताया कि अनन्या व खुशी ने मार खाने के डर से फंदा लगाने वाली जगह को कपड़े से ढक दिया था। उनकी निशानदेही पर कपड़ा हटाने के बाद दीवार पर बांस की सीढ़ी खींचने का निशान मिला है। साथ ही जिस कपड़े से फांसी लगायी थी वह भी बरामद हो गया है।

काम पर जाने से किया था मना
मां पिंकी ने बताया कि शुभम सुबह से ही तनाव में था। शाम को काम पर जाते समय वह कह रहा था कि आज काम पर मत जाओ लेकिन कारण पूछने पर नहीं बताया। रोते हुए बार बार यही कह रही थी कि यदि पहले से पता होता तो काम पर नहीं जाती। वह रोकर बेहोश हो गई। होश में आने पर बताया कि छह वर्ष पूर्व बच्चों के पिता डब्लू पटेल छोड़कर चले गए। अब बेटे को लेकर ही उम्मीद थी लेकिन वह भी खत्म हो गई। पिंकी आस-पास के घरों में खाना बनाकर व पोछा लगाकर खर्च चलाती है।
 
एक माह पूर्व ही आए थे
सत्संग नगर कालोनी (पहड़िया) स्थित लान में पिंकी पटेल का परिवार एक माह सात दिन पूर्व ही आया था। इससे पहले वह पहड़िया में रहती थी। स्कूल दूर होने के कारण यहां पर आकर रहने लगी थी। 


 

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