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पूर्वांचल में पुत्र की दीर्घायु के लिए माताओंं ने किया ज्यूतिया पूजन, देखिये VIDEO

पूर्वांचल के सभी जिलों में रविवार को ज्यूतिया पूजन का उत्साह दिखाई दिया। माताओं ने अपने पुत्रों की दीर्घायु की कामना से माता लक्ष्मी का विशेष पूजन किया। तालाब, पोखरों, नदियों, कुंडों पर दोपहर बाद...

पूर्वांचल में पुत्र की दीर्घायु के लिए माताओंं ने किया ज्यूतिया पूजन, देखिये VIDEO
वाराणसी हिन्दुस्तान टीमSun, 22 Sep 2019 07:30 PM
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पूर्वांचल के सभी जिलों में रविवार को ज्यूतिया पूजन का उत्साह दिखाई दिया। माताओं ने अपने पुत्रों की दीर्घायु की कामना से माता लक्ष्मी का विशेष पूजन किया। तालाब, पोखरों, नदियों, कुंडों पर दोपहर बाद पूजा करती महिलाओं का हुजूम दिखाई दिया। वाराणसी में पूजन का मुख्य केंद्र लक्सा स्थित महालक्ष्मी मंदिर था। लक्ष्मीकुंड स्थित मंदिर की गली से लेकर गुरुबाग तिराहे तक जिधर भी नजर जाती महिलाओं की भीड़ ही नजर आती।

इसके अलावा इश्वरगंगी पोखरा, वरुणा किनारे चौकाघाट पुल के पास भी महिलाओं की भीड़ दिखाई दी। गन्ने से मंडप बना कर महिलाओं ने उसके नीचे ज्यूतिया माता और लक्ष्मी माता के विग्रह स्थापित किए। उनके आगे जल भरे कलश पर दीप प्रज्जवलन किया। जिन घरों में इस साल नई शादियां हुई थीं, वहां दूल्हा दुल्हन के साथ घर की महिलाएं पूजा के लिए पहुंचीं। 

लक्सा के अतिरिक्त शहर के सभी प्रमुख कुंडों और तालाबों के किनारे भी व्रति महिलाओं का हुजूम उमड़ा था। पूजन के दौरान महिलाओं ने एक दूसरे को आठ प्रकार की कहानियां सुनाईं। इनमें सबसे पुरानी और चर्चित कहानी राजा जिमूतवाहन की है। इसके अतिरिक्त गिलहरी और उसके बच्चों की कहानी भी महिलाओं ने सुनाई। इन सभी कहानियों का सार संतान की रक्षा से जुड़ा है। व्रति महिलाओं ने पहले गंगा स्नान किया फिर उनका रुख लक्सा स्थित लक्ष्मी मंदिर की ओर हुआ। वहीं ग्रामीण क्षेत्र से आई बहुत सी महिलाओं ने भी इस प्रक्रिया पूरी की।

सड़क से लेकर मंदिर के आसपास की गलियां भी पूजन स्थल में तब्दील हो गई थीं। महिलाओं ने पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना की। 16 दिवसीय इस व्रतानुष्ठान के अंतर्गत महिलाओं ने पूजन के दौरान 16 पेड़े, दूब की16 मालाएं, 16 अक्षत, 16 गांठ का धागा, 16 लौंग, 16 इलायची, 16 पान, 16 खड़ी सुपारी और 16 प्रकार की शृंगार की वस्तुएं देवीको अर्पित कीं। व्रति महिलाओं ने ज्यूतिया के पूजन के लिए सोमवार को सायंकाल सूर्यास्त के बाद से ही जलत्याग कर दिया था। यही नहीं पांडेयपुर चौराहे पर फ्लाईओवर से लेकर चौराहे पर मिलने वाले चारों रास्तों पर हजारों महिलाओं ने पूजन किया। इसके अतिरिक्त ईश्वरगंगी तालाब के किनारे भी सैकड़ों महिलाओं की जुटान पूजा के निमित्त हुई।

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