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दालमंडी में अवैध भूमिगत बाजार: कमिश्नर बोले, SSP फोर्स दें, वीडीए अवैध बेसमेंट ढहाए

दालमंडी में अवैध भूमिगत बाजार का मामला तूल पकड़ने के बाद अब पुलिस-प्रशासन की नींद टूटी है। अवैध निर्माण से जुड़ी फाइल को तलब करते हुए मंडलायुक्त नितिन रमेश गोकर्ण ने गुरुवार को अवैध निर्माण के...

दालमंडी में अवैध भूमिगत बाजार: कमिश्नर बोले, SSP फोर्स दें, वीडीए अवैध बेसमेंट ढहाए
वाराणसी। कार्यालय संवाददाताFri, 19 Jan 2018 04:42 PM
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दालमंडी में अवैध भूमिगत बाजार का मामला तूल पकड़ने के बाद अब पुलिस-प्रशासन की नींद टूटी है। अवैध निर्माण से जुड़ी फाइल को तलब करते हुए मंडलायुक्त नितिन रमेश गोकर्ण ने गुरुवार को अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण का आदेश दिया है। उन्होंने एसएसपी आरके भारद्वाज से कहा है कि फोर्स उपलब्ध कराएं और वीडीए अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करे। 

वर्ष 2012 में वीडीए की ओर से अवैध निर्माण को सील कर दिया गया था। बाद में निर्माणकर्ता ने कमिश्नर कोर्ट में अपील की। कमिश्नर ने बताया कि अवैध भूमिगत बाजार के ध्वस्तीकरण वाद में कोई स्टे आदेश पारित नहीं है। कमिश्नर ने फाइल को वीडीए में भेजते हुए अवैध भूमिगत बाजार पर कार्रवाई का निर्देश दिया है। 

कमिश्नर ने बताया कि उक्त प्रकरण ध्वस्तीकरण वाद में कोई स्टे आदेश पारित नहीं है। जबकि संबंधित उक्त वाद में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता द्वारा तारीख ले ली गई तथा उक्त वाद में नौ तिथियां ऐसी थी जिसमें अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। कहा कि जब उक्त प्रकरण में कोई स्टे आदेश पारित नहीं रहा तो विकास प्राधिकरण की ओर से ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जानी चाहिए थी। कमिश्नर ने इस प्रकरण में एसएसपी से फोर्स उपलब्ध कराने को कहा। जिससे कि वीडीए कार्रवाई कर सके। 

अधिशासी अभियंता ने शुरू किया फाइल का अध्ययन : मामले के तूल पकड़ने के बाद गुरुवार को अवैध निर्माण की फाइल विकास प्राधिकरण में पहुंच गयी है। सूत्रों के मुताबिक फाइल का अध्ययन करने के लिए अधिशासी अभियंता राजकुमार को लगाया गया है। एक्सईएन छह साल पुराने मामले में कब-कब और क्या कार्रवाई हुई है, इसकी जानकारी लेंगे। इसके साथ ही आगे की कार्रवाई के लिए अन्य जरूरी प्रक्रिया भी पूरी करेंगे।

अवैध निर्माण की शुरू होगी नापी व निशानदेही : विभागीय अधिकारियों की मानें तो प्रक्रिया के तहत एक बार फिर नोटिस दी जाएगी। चूंकि छह साल पहले दाखिल किए गए वाद में काफी पैमाने पर ढांचागत परिवर्तन हो गया है। ऐसे में वीडीए के अधिकारी व कर्मचारी दोबारा नापी व निशानदेही करेंगे। इसके बाद उसकी जांच करने के बाद उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद ध्वस्त कर दिया जाएगा।

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