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सैकड़ों डाक टिकटों में संजो रखी है बापू की स्मृतियां

होश संभाला तो वातावरण में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के व्यक्तित्व की सुगंध महसूस की। किशोर मन में कौंधा कि दुनिया को अहिंसक आंदोलन का अमोघ अस्त्र देने वाले महात्मा गांधी पर कुछ अलग करना चाहिए। कुछ...

सैकड़ों डाक टिकटों में संजो रखी है बापू की स्मृतियां
वाराणसी। हीरालाल चौरसियाSun, 30 Sep 2018 02:25 PM
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होश संभाला तो वातावरण में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के व्यक्तित्व की सुगंध महसूस की। किशोर मन में कौंधा कि दुनिया को अहिंसक आंदोलन का अमोघ अस्त्र देने वाले महात्मा गांधी पर कुछ अलग करना चाहिए। कुछ दिनों की उधेड़बुन के बाद सोचा कि क्यों न डाक टिकटों के जरिए उस महान व्यक्तित्व की स्मृतियां संजोई जाएं। उनकी सोच को पिता ने सराहा और प्रेरित भी किया। परिणाम, आज निजी संग्रहालय में महात्मा गांधी पर देश-दुनिया में जारी डाक टिकटों का समृद्ध संग्रह है। ये टिकट आजादी के बाद से अब तक के कालखंड का प्रतिनिधित्व भी करते हैं। 

यह हैं व्यवसायी विजय जैन जिनके पास बिना खड्ग और ढाल के देश को आजादी दिलाने वाले बापू से जुड़े डाक टिकटों का विशाल संग्रह है। मलदहिया निवासी 70 वर्षीय विजय जैन ने विक्रेताओं और डाक विभाग से टिकट संग्रहित किया है। इधर के दस वर्षों के दौरान उनकी सक्रियता अधिक है। संग्रह में गांधी पर छपे कई लिफाफे भी  हैं। 

उन्होंने बताया कि मेरे पास गांधी जी पर अब तक जारी करीब दो सौ से अधिक टिकट हैं। गांधी जी के निधन के बाद 1948 में पांच टिकट जारी हुए थे। उन्होंने बताया कि  आजादी से जुड़े आंदोलन, चरखा पर जारी टिकट भी संजो कर रखा है। तीन टिकट में तिरंगा व राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तम्भ अंकित हैं। विजय जैन के संग्रह में महापुरुषों, साहित्यकारों व संतों पर जारी टिकट भी हैं। इनकी संख्या दो हजार के आसपास है। उन्होंने पिछले दिनों दो जैन मुनियों पर डाक विभाग से विशेष आवरण जारी करवाया है। 

इन देशों के हैं टिकट 
अमेरिका, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रिका, माल्टा, मैक्सिको, आस्ट्रेलिया, आयरलैण्ड, बांगलादेश, युगांडा आदि के अलावा खाड़ी देशों में भी गांधी जी पर डाक टिकट जारी हुए थे। 

बनवा रहे हैं गैलरी 
विजय जैन डाक टिकटों को प्रदर्शित करने के लिए अपने घर में ही एक गैलरी बनवा रहे हैं। उनकी इच्छा है कि नई पीढ़ी को इन टिकटों के माध्यम से अपने महापुरुषों की जानकारी होनी चाहिए। 

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