भविष्य की भाषा है हिंदी : डॉ. दिव्यराज अमिय
भाषा किसी भी राष्ट्र के निर्माण का मूल आधार होती है। बिना भाषा के समृद्ध हुए राष्ट्र का समृद्ध होना संभव नही है। यह विचार गुरुवार को डीएवी पीजी...
वाराणसी। वरिष्ठ संवाददाता
भाषा किसी भी राष्ट्र के निर्माण का मूल आधार होती है। बिना भाषा के समृद्ध हुए राष्ट्र का समृद्ध होना संभव नही है। यह विचार गुरुवार को डीएवी पीजी कॉलेज के हिन्दी विभाग में आयोजित दस दिवसीय ‘हिन्दी साहित्य के अध्ययन की समस्याएं‘ विषयक राष्ट्रीय कार्यशाला के पहले दिन दक्षिण एशियाई अध्ययन केन्द्र, ट्यूविंगन विश्वविद्यालय जर्मनी के डॉ. दिव्यराज अमिय ने व्यक्त किए।
डॉ. अमिय ने हिन्दी भाषा के उन्नयन में तकनीक की सराहना करते हुए कहा कि हिन्दी अब भविष्य की भाषा बन चुकी है और सम्पूर्ण विश्व में हिन्दी के प्रति लोगों की बढ़ती रुचि इसका प्रमाण है। अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह ने कहा कि अब समय आ गया है जब हिन्दी साहित्य की गूंज सम्पूर्ण विश्व में सूनाई पड़े। संचालन कार्यक्रम संयोजक डॉ. समीर कुमार पाठक ने किया। स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार राम एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राकेश कुमार द्विवेदी ने दिया। इस अवसर पर डॉ. मिश्री लाल, डॉ. मुकेश कुमार सिंह, डॉ. अमित कुमार पाण्डेय, डॉ. अस्मिता तिवारी, डॉ. नीलम सिंह, डॉ. विश्वमौली, डॉ. अंकिता चौधरी, धीरज कुमार गुप्ता आदि ऑनलाइन शामिल रहे।