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हजयात्रा का खर्च बढ़ा तो घट गए आवेदक

हज यात्रा का खर्च बढ़ा तो यात्रा पर जाने के लिए आवेदन घट गए। प्रदेश के कोटा के अनुसार 28 हजार है जबकि तिथि बढ़ाने के बाद भी अब तक 22 हजार ही आवेदन आए हैं। पिछले साल 50 हजार आवेदन आए थे। अभी आवेदन...

हजयात्रा का खर्च बढ़ा तो घट गए आवेदक
हिन्दुस्तान टीम,वाराणसीFri, 07 Dec 2018 08:22 PM
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हज यात्रा का खर्च बढ़ा तो यात्रा पर जाने के लिए आवेदन घट गए। प्रदेश के कोटा के अनुसार 28 हजार है जबकि तिथि बढ़ाने के बाद भी अब तक 22 हजार ही आवेदन आए हैं। पिछले साल 50 हजार आवेदन आए थे। अभी आवेदन भरने की अंतिम तिथि 12 दिसंबर है लेकिन हज कमेटी व समितियों का कहना है कि आवेदन का यही हाल रहा तो लॉटरी (कुर्रा) नहीं हो पाएगी।

हज यात्रा के लिए आवेदनों में कमी के पीछे हज सब्सिडी खत्म होने एवं सऊदी सरकार का विभिन्न सुविधाओं पर कर लगाने को कारण माना जा रहा है। वाराणसी इम्बार्केशन के 16 जिलों में अभी करीब 2500 आवेदन किए गए हैं। करीब चार हजार का कोटा है और 10 हजार से अधिक आवेदन होता है। वाराणसी में चार सौ का कोटा है मगर यहां अभी सात सौ फॉर्म भरे गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पिछले साल हज सब्सिडी खत्म कर दी गई थी। वहीं सऊदी सरकार ने भी जायरीनों को सुविधाओं पर खर्च बढ़ा दिया। साथ ही वेट भी लगा दिया है। इसके चलते हज यात्रा के खर्च में करीब 50 हजार की वृद्धि हुई है। पिछली बार लोगों के आवेदन करने के बाद यात्रा का खर्च बढ़ा था। इस नाते वे किसी तरह पैसे जुटाकर चले गए। मगर इस बार जायरीन आवेदन कम कर रहे हैं।

सेंट्रल हज कमेटी के सदस्य एवं वाराणसी इम्बार्केशन के को-ऑडिनेटर डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद को उम्मीद है कि आवेदन की अंतिम तिथि 12 दिसम्बर तक हज का कोटा भर जाएगा। मगर ऐसी उम्मीद नहीं है कि उत्तर प्रदेश की लॉटरी हो। अगर ऐसा नहीं हुआ तो सभी आवेदकों को हजयात्रा पर जाने का मौका मिल जाएगा। उन्होंने बताया कि इस कोई यात्रा खर्च में कोई बढ़ोत्तरी नहीं होगी। पिछली बार ग्रीन कटेगरी के जायरीनों को 2.85 लाख एवं अजीजिया कटेगरी के 2.45 लाख खर्च लगा था।

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