ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश वाराणसीग्राम प्रधान ने सहन की जमीन पर बिछवाया खड़ंजा

ग्राम प्रधान ने सहन की जमीन पर बिछवाया खड़ंजा

चौबेपुर क्षेत्र के व्यासपुर गांव में सहन की जमीन पर ग्राम प्रधान सिम्पल तिवारी द्वारा जबरन खड़ंजा बिछवाए जाने का आरोप प्रथम दृष्टया सही पाया गया है। ग्राम पंचायत अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट में...

ग्राम प्रधान ने सहन की जमीन पर बिछवाया खड़ंजा
वाराणसी। प्रमुख संवाददाताSat, 02 Dec 2017 08:51 PM
ऐप पर पढ़ें

चौबेपुर क्षेत्र के व्यासपुर गांव में सहन की जमीन पर ग्राम प्रधान सिम्पल तिवारी द्वारा जबरन खड़ंजा बिछवाए जाने का आरोप प्रथम दृष्टया सही पाया गया है। ग्राम पंचायत अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि खड़ंजा बिछाने का काम मनमाने तरीके से कराया गया है, जिसके कारण गांव के कुछ लोगों को दी गई सहन की जमीन दो हिस्सों में बंट गई है। 

ग्राम पंचायत अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वयासपुर काली मंदिर से निलेश चौबे के आवास तक खड़ंजे का निर्माण कराया गया, जिसमें 32 मजदूरों ने 22 एवं 23 अक्तूबर, 2016 को कार्य किया, जबकि यह कार्ययोजना 10 नवंबर 2016 को स्वीकृत हुई। बैंक पासबुक के अनुसार सामग्री का भुगतान (70,750 रुपये) रामलाल ब्रह्म बाबा ब्रिक्स फील्ड को 23 नवंबर 2017 को किया गया। मजदूरी के भुगतान के लिए उसी तिथि में 13,152 रुपये स्वयं ग्राम प्रधान ने आहरित किए। मजदूरों का भुगतान उनके खाते में नहीं किया गया। मस्टर रोल पर किसी भी अधिकारी अथवा कर्मचारी के हस्ताक्षर भी नहीं हैं। न ही जारी करने की तारीख और मस्टर रोल का क्रमांक अंकित किया गया है। मौके पर पाया गया कि इंटरलॉकिंग का काम काली मंदिर से निलेश चौबे के घर तक होना था, लेकिन खड़ंजा सिर्फ रामकृष्ण चौबे के घर तक ही बिछाया गया। 

ग्रामवासियों ने भी बताया कि यह काम सिर्फ एक दिन में ही करा दिया गया जबकि मस्टर रोल पर दो दिन अंकित हैं। इस प्रकरण की जांच 28 नवंबर 2016 को क्षेत्रीय लेखपाल, राजस्व  निरीक्षक नरायनपुर एवं नायब तहसीलदार जाल्हूपुर द्वारा की गई। उनकी जांच रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई कि मौजा व्यासपुर के अभिलेख के अनुसार मौके पर चकमार्ग दर्ज नहीं है और हरेकृष्ण के मकान तक अनुचित तरीके से खड़ंजा बिछाया गया है। 

क्षेत्राधिकारी पिंडरा की जांच आख्या में भी खड़ंजा बिछाने के कार्य को अनुचित बताया गया है। इन जांचों के बाद जिलाधिकारी द्वारा जारी निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि इस बारे में ग्राम प्रधान से स्पष्टिकरण मांगा जाए।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें