ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश वाराणसीसुर गंगा: काशी की मौज में घुली गुजराती संस्कृति

सुर गंगा: काशी की मौज में घुली गुजराती संस्कृति

गुजरात की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने काशीवासियों की खासी सराहना बटोरी। टाउनहाल के मुक्ताकाशीय मंच पर सुर गंगा संगीत महोत्सव की 41वीं निशा भी गुर्जर समाज को समर्पित रही। पारम्परिक गुजराती परिधान में...

सुर गंगा: काशी की मौज में घुली गुजराती संस्कृति
Center,VaranasiMon, 29 May 2017 01:41 AM
ऐप पर पढ़ें

गुजरात की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने काशीवासियों की खासी सराहना बटोरी। टाउनहाल के मुक्ताकाशीय मंच पर सुर गंगा संगीत महोत्सव की 41वीं निशा भी गुर्जर समाज को समर्पित रही। पारम्परिक गुजराती परिधान में गरबा और डांडिया नृत्य देख दर्शक मगन रहे। सबसे पहले बाल कलाकार जागृति एवं आर्या ने मोहे रंग दो लाल... पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। पारम्परिक गीत ढोली तारो ढोल बाजे... पर मानसी ने मस्ती भरा नृत्य किया। फिर, गरबा मंडली की प्रतिमा नागर, माधुरी बेन, मोनिका बेन, रूचिदा बजाज व अन्य महिलाओं ने साथिया पुराउ दीवड़ा प्रगटाउ... पर नृत्य किया। माथे माता की माढ़ लिये जागृति के साथ छोटे-छोटे दीपकों-मजीरों के बीच डांडिया करते कलाकारों ने सबको झुमा दिया। इसी क्रम में राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा... पर मल्लिका बेन, अनुराधा बेन, बीना पोरवाल, मानसी गुजराती, भावना बेन और अन्य ने प्रस्तुत दी। विशाखा सिंह, अनुराधा, विराट, आद्या एवं तनिष्का ने डांडिया की मस्ती बिखेरी। श्रेया रानी एवं अविनाश ने राधा कृष्ण के रास पर भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुत किया। शिवानी सेवा समिति ने लाल लाल फूल... तो श्रेया गांधी एवं समूह ने फाल्गुनी पाठक के गानों पर गरबा नृत्य किया। यूबी बैन्ड और सुरगंगा बैन्ड के गीतों पर भी गरबा की धूम मची रही। गायन में सबसे पहले स्मृति शुक्ला ने महात्मा गांधी का प्रिय भजन वैष्णव जन तो तैने कहिये... सुनाया। अर्पिता सोनी, विशाखा सिंह एवं अनुराधा ने भजन कभी राम बन के कभी श्याम बन के... प्रस्तुत किया। अन्तरा एवं समूह ने गुजराती गीत हूं तो पाटन सेर थी... गाया। अर्पिता सोनी ने अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम..., चन्द्रकान्त सोनी ने ढोलिना-ढोलिना एवं शैली ओ शैली... गाया। इसके अलावा बेटी बचाओं को समर्पित नाटक का संगीतमय मंचन हुआ। गुजराती भाषा में डीकरी तो प्रेम नो दरिया खेवाये छे.. नृत्य नाटिका रूचि शाह की अगुवाई में मंचित हुई। शुरुआत सौरभ मिश्रा ने सुरगंगा थीम सांग से की। मुख्य अतिथि षष्ठपीठ गोपाल मंदिर के युवराज प्रियेन्दु बाबा का अभिनन्दन हरिदास पारिख, मुरलीदास पोरवाल, अरुण असर, गोपाल दास गुजराती ने किया। सुर गंगा में आज हेमू कालाणी एवं देवकीनन्दन खत्री को समर्पित पंजाब एवं सिन्ध निशा

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें