ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश वाराणसीवाराणसी में गंगा खतरे के निशान से 27 सेंटीमीटर ऊपर, अब भी बढ़ाव जारी, VIDEO में देखिये हालात

वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से 27 सेंटीमीटर ऊपर, अब भी बढ़ाव जारी, VIDEO में देखिये हालात

वाराणसी में गंगा में बढ़ाव जारी है। गुरुवार की रात आठ बजे गंगा खतरे के निशान से 27 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थीं। अपस्ट्रीम में बारिश और बैराजों से छोड़े जा रहे पानी से गंगा के जलस्तर में वृद्धि दर्ज...

वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से 27 सेंटीमीटर ऊपर, अब भी बढ़ाव जारी, VIDEO में देखिये हालात
वाराणसी हिन्दुस्तान टीमThu, 19 Sep 2019 09:49 PM
ऐप पर पढ़ें

वाराणसी में गंगा में बढ़ाव जारी है। गुरुवार की रात आठ बजे गंगा खतरे के निशान से 27 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थीं। अपस्ट्रीम में बारिश और बैराजों से छोड़े जा रहे पानी से गंगा के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गुरुवार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 71.46 मीटर था। जो रात आठ बजे तक 71.53 मीटर हो गया। आयोग के पूर्वानुमान के अनुसार शुक्रवार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 71.77 मीटर तक हो सकता है। वाराणसी में खतरे का निशान 71.26 मीटर पर है। 

गंगा के पलटप्रवाह से वरुणा भी उफान पर हैं। वरुणा पर बने पुराने पुल के सातों फाटक पानी में समा चुके है। जल का प्रवाह फाटकों के ऊपर से हो रहा है। वहां तैनात सिंचाई विभाग के कर्मचारी ने बताया कि सुबह सवा छह बजे उसने पानी का स्तर फाटक से पौने तेरह फुट ऊपर देखा था जो दोपहर डेढ़ बजे तक 14 फुट से ऊपर हो गया था। करीब पांच घंटे में वरुणा का जलस्तर सवा फुट के आसपास बढ़ा। वर्ष 2013 की बाढ़ में पुराना पुल के फाटक के 18 फुट ऊपर से जल का प्रवाह हो रहा था। 

पुराना पुल से नक्खीघाट के बीच दोनों ओर 50 मीटर से अधिक दूरी में पानी फैल कर सैकड़ों घरों में घुस गया है। दर्जनों परिवार अपने मकानों की दूसरी मंजिल अथवा छत पर कैद होकर रह गए हैं।  बाढ़ प्रभावित इलाकों में एनडीआरफ की टीम लगातार निगरानी कर रही है। मेगाफोन से लोगों को इलाका खाली करने और बाढ़ राहत शिविरों में जाने के लिए कहा जा रहा है। 

दो सौ लोग पहुंचाए गए राहत शिविर में
सलारपुर क्षेत्र में नदी के किनारे के दर्जनों मकान डूब गए। उन लोगों को बाढ़ राहत शिविर में लाया गया। कानूनगो राजेश कुमार ने बताया कि वर्तमान में 45 परिवार के लगभग 200 लोग सलारपुर के प्राथमिक विद्यालय में बने बाढ़ राहत शिविर में हैं। उन लोगों में दोनों वक्त भोजन का वितरण किया जा रहा है। बच्चों को दोनों समय दूध का वितरण किया जा रहा है।

जिलाधिकारी अौर एनडीआरएफ की टीम बांट रही राहत सामग्री
जिलाधिकारी और एसएसपी ने एनडीआरफ की टीम के साथ गुरुवार को बाढ़ ग्रस्त इलाकों का निरीक्षण करके राहत सामग्री का वितरण भी किया। जिला प्रशासन की टीम ने भैंसासुर घाट से एनडीआरएफ की बोट पर बैठकर आदिकेशव, कोनिया, नक्खी घाट आदि इलाकों में बाढ़ का जायजा लिया। डीएम सुरेंद्र सिंह ने लोगों से बाढ़ राहत शिविरों में जाने का अनुरोध किया। गोवर्धन पूजा समिति की ओर से शालिनी यादव के नेतृत्व में नक्खीघाट क्षेत्र में राहत सामग्री बांटी गई। 

पशुओं को चारे की किल्लत,बीमार पड़ रहे पशु
चौबेपुर क्षेत्र के पिपरी गांव का संपर्क आसपास के गांवों से टूट गया है। प्रशासन ने गुरुवार दो नावें लगवा कर गांव में फंसे लोगों को बाहर निकलवाया। लक्ष्मी सेनपुर, पिपरी, राजवाड़ी, धौरहरा, डुढूवा आदि गांवों में गन्ना,धान, मकई, बाजरा की फसलें डूब गई हैं। पिपरी गांव में पशुओं के चारे की समस्या हो गई है। वहीं पशुओं के बीमार होने की भी सूचना है बावजूद इसके पशु चिकित्सालय से कोई चिकित्सक गांव में नही गया है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें