ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश वाराणसीबाढ़ : गंगा का पलट प्रवाह भी तेज, वरुणा किनारे बढ़ीं चिंताएं

बाढ़ : गंगा का पलट प्रवाह भी तेज, वरुणा किनारे बढ़ीं चिंताएं

जलस्तर में तेज बढ़ाव के साथ गंगा का पलट प्रवाह भी तेज हो चला है। इसके चलते वरुणा के तटवर्ती इलाकों में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा...

बाढ़ : गंगा का पलट प्रवाह भी तेज, वरुणा किनारे बढ़ीं चिंताएं
हिन्दुस्तान टीम,वाराणसीTue, 03 Aug 2021 03:50 AM
ऐप पर पढ़ें

बाढ़ : गंगा का पलट प्रवाह भी तेज, वरुणा किनारे बढ़ीं चिंताएं

वाराणसी। प्रमुख संवाददाता

जलस्तर में तेज बढ़ाव के साथ गंगा का पलट प्रवाह भी तेज हो चला है। इसके चलते वरुणा के तटवर्ती इलाकों में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गंगा घाटों का आपसी संपर्क टूट चुका है। उन्हें जोड़ने वाले सभी रास्तों पर पानी भर गया है। डीएम के आदेश पर गंगा में 15 दिन के लिए नौका परिचालन पर रोक लगाने के साथ प्रशासन ने तटवर्ती इलाकों से जुड़े पुलिस थानों को निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है। बाढ़ चौकियां सतर्क कर दी गई हैं।

पर्वतीय क्षेत्रों की बारिश मैदानी इलाकों के लिए भारी मुसीबत बनती जा रही है। काशी में पिछले 24 घंटों के दौरान गंगा के जलस्तर में दो मीटर से अधिक की वृद्धि हुई है। अगले 24 घंटों के दौरान इतना ही जलस्तर में वृद्धि का अनुमान भी है।

गंगा के रौद्र रूप को देखते हुए आदमपुर, कोतवाली, चौक, दशाश्वमेध, भेलूपुर, लंका और रोहनिया थाने की पुलिस को तटवर्ती इलाकों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

चेतावनी बिंदु से तीन मीटर दूर

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार सोमवार सुबह गंगा का जलस्तर 66.52 मीटर था। यह रविवार सुबह आठ बजे के जलस्तर 64.36 मीटर से 02.16 मीटर अधिक है। उस समय तक गंगा चेतावनी बिंदु से तीन मीटर और खतरे के निशान से चार मीटर दूर थीं। चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर तथा खतरे का निशान 71.26 मीटर पर है। उच्चतम बाढ़ बिंदु 73.90 मीटर है। रविवार से सोमवार सुबह आठ बजे के बीच प्रयागराज में गंगा का जलस्तर 1.16 मीटर बढ़ा। इस आधार पर अगले चौबीस घंटों के दौरान काशी में दो मीटर से अधिक जलस्तर बढ़ने का अनुमान है।

ऊपर की छतों पर शवदाह

जलस्तर बढ़ने से अस्सी से राजघाट के बीच घाटों को जोड़ने वाले सभी रास्तों पर पानी भर चुका है। मणिकर्णिका घाट पर शवदाह स्थल पूरी तरह डूब चुका है। यहां श्मशानेश्वर महादेव मंदिर के ऊपर छत पर शवदाह हो रहा है। हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह का सिर्फ एक प्लेटफार्म ही पानी से बाहर बचा है। अस्सी घाट पर सांध्यकालीन आरती का स्थान ऊपर हो गया है। दशाश्वमेध घाट की दोनों आरतियां छत पर की जा रही हैं। तीर्थपुरोहितों की चौकियां और छतरियां गलियों में पहुंच चुकी हैं। माझियों ने छोटी नौकाओं को पानी के बाहर कर दिया है। बड़ी नौकाओं की की हिफाजत की चिंता बढ़ गई है।

ढाब-मोकलपुर संपर्क मार्ग पानी में

गंगा में उफान के कारण चिरईगांव ब्लॉक के ढाब क्षेत्र में रहने वालों की दिक्कतें भी बढ़ने लगी हैं। क्षेत्र के सोते में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। ढाब और मोकलपुर संपर्क मार्ग पानी में डूब गया है। रमचंदीपुर, गोबरहां, छितौना, रेतापार, चांदपुर के निवासियों को जाने-आने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कटान का भी भय सता रहा है।

वरुणा किनारे से पलायन की तैयारी

गंगा में तेज बढ़ाव को देखते हुए वरुणा के तटवर्ती इलाकों में भी चिंता बढ़ रही है। गंगा में बढ़ाव की मौजूदा रफ्तार को देखते हुए दनियालपुर, पिसौर, बेदौली, कोटवा, छितौनी, मथुरापुर मजीदिया घाट, कोरौत, कोईराजपुर, चमांव, अहिरान, इमिलिया घाट इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इन मोहल्लों के लोग पलायन की तैयारी करने लगे हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें