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सुषमा स्वराज की मदद से समुंद्री डाकुओं के कब्जे से मुक्त हुए थे वाराणसी के संतोष, निधन पर परिवार गमगीन

विदेश मंत्री रहते हुए कई परिवारों में खुशियां लौटाने वाली सुषमा स्वराज के जाने से गम का माहौल है। सुषमा स्वराज ने गम में डूबे काशी के भी एक परिवार की खुशियां लौटाई थीं। डीरेका के पास कंचनपुर में...

सुषमा स्वराज की मदद से समुंद्री डाकुओं के कब्जे से मुक्त हुए थे वाराणसी के संतोष, निधन पर परिवार गमगीन
वाराणसी योगेश यादवWed, 07 Aug 2019 09:23 PM
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विदेश मंत्री रहते हुए कई परिवारों में खुशियां लौटाने वाली सुषमा स्वराज के जाने से गम का माहौल है। सुषमा स्वराज ने गम में डूबे काशी के भी एक परिवार की खुशियां लौटाई थीं। डीरेका के पास कंचनपुर में रहने वाले मर्चेंट नेवी में तैनात संतोष भारद्वाज सुषमा स्वराज के कारण ही समुंद्री लुटेरों के कब्जे से आजाद हुए थे। तीन साल पहले हुई घटना के बाद संतोष की पत्नी कंचन को लगातार सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर दिलासा भी दिया और जो कहा वह करके दिखाया। 

संतोष के अनुसार 2016 में सिंगापुर की कंपनी ट्रांस ओसन के जहाज पर उनकी तैनाती नाइजीरिया में थी। 25 मार्च 2016 को डीजल लेकर जा रहे जहाज को नाइजीरिया के समुंद्री डकैतों ने अपने कब्जे में ले लिया था। संतोष समेत पांच लोगों को अगवा कर लिया गया था। कई दिनों तक इन लोगों को जंगलों में रखा गया। संतोष के अगवा होने की खबर उसी दिन कंपनी वालों ने परिवार को तो दे दी लेकिन किसी को फिलहाल नहीं बताने की भी गुजारिश की। 

करीब सात दिन बाद भी कंपनी वालों की तरफ से कोई रिस्पांस नहीं आया तो संतोष की पत्नी ने तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मदद मांगी। ट्वीट कर सुषमा स्वराज को बताया कि उनके पति संतोंष नाइजीरिया डकैतों के कब्जे में है। सुषमा ने तत्काल ट्वीट का जवाब दिया और कहा कि आपके पति को छुड़ाने की पूरी कोशिश हो रही है। सुषमा स्वराज ने नाइजीरिया में दूतावास से बात की और संतोष की रिहाई के लिए हर संभव मदद के लिए कहा। 11 मई को सुषमा का प्रयास सफल हुआ और डाकुओं ने संतोष को रिहा कर दिया। 

सुषमा लगातार ट्वीट करती रहीं
संतोष के बारे में जानकारी मिलने के बाद सुषमा स्वराज लगातार ट्वीट करती करके पत्नी कंचन को दिलासा देती रहीं। पहाल ट्वीट मिलने के बाद  5 मिनट के अंदर उनका री-टि्वट आया कि, चिंता न करें। उनको (संतोष) जल्द छुड़ा लिया जाएगा। उन्होंने ट्वीट में कंचन से कहा कि आप खाना पीना न छोड़ें। संतोष के आजाद होते ही फिर ट्वीट कर इसकी जानकारी शेयर की थी।

मर्चेंट नेवी वेलफेयर एसोसिएशन भी संपर्क में बना रहा
संतोष के डाकुओं के कब्जे में आने के बाद उनके परिवार के लिए मर्चेंट नेवी वेलफेयर एसोसिएशन भी सहारा बना रहा। एसोसिएशन लगातार पीएमअो से लेकर विदेश मंत्रालय तक से पत्राचार करता रहा। हुकुलगंज की चंद्रा रेजिडेंसी में रहने वाले एसोसिएशन के विपुल श्रीवास्तव के अनुसार उस समय कैप्टन रजनीश पाण्डेय, कैप्टन सन्दीप सिंह, कैप्टन प्रवीण चतुर्वेदी, चीफ इंजीनियर आनन्द दुबे, निशांत आदि की टीम वाराणसी से दिल्ली तक संतोष की रिहाई के प्रयास में लगी रही।

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