सांस्कृतिक संकुल के सुंदरीकरण का डीपीआर शासन से खारिज
चौकाघाट स्थित गिरिजा देवी सांस्कृतिक संकुल के सुंदरीकरण व विस्तारीकरण के प्रस्ताव को मंगलवार को शासन ने खारिज कर दिया। मुख्य सचिव राजीव कुमार ने लखनऊ में प्रमुख सचिव आवास व विकास प्राधिकरण के...

चौकाघाट स्थित गिरिजा देवी सांस्कृतिक संकुल के सुंदरीकरण व विस्तारीकरण के प्रस्ताव को मंगलवार को शासन ने खारिज कर दिया। मुख्य सचिव राजीव कुमार ने लखनऊ में प्रमुख सचिव आवास व विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक में नए सिरे से कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया है। कमिश्नर की अध्यक्षता में कमेटी अब दो माह में नया डीपीआर तैयार कराएगी। इस कमेटी में शहर के नामचीन कलाकार भी शामिल होंगे। शासन का मानना है कि पूर्व में बना डीपीआर ज्यादा खर्चीला था।
वाराणसी दौरे पर 25 अक्तूबर 2017 को आये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ठुमरी गायिका पद्म विभूषण गिरिजा देवी के नाम से सांस्कृतिक संकुल के नामकरण की घोषणा की थी। साथ ही संकुल के सुंदरीकरण व विस्तारीकरण के लिए प्राधिकरण को प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया था। 24 नवम्बर को प्राधिकरण ने 45.37 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर भेज दिया था।
मुख्य सचिव राजीव ने मंगलवार को लखनऊ में प्रमुख सचिव आवास, नितिन रमेश गोकर्ण व वीडीए सचिव विशाल सिंह व सहायक नगर नियोजक मनोज कुमार के साथ प्रस्ताव की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने प्रस्ताव को खर्चीला बताते हुए खारिज कर दिया। मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिव आवास को निर्देश दिया कि कमिश्नर की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाकर डीपीआर तैयार कराएं। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर के आर्किटेक्ट की मदद लें। उन्होंने दो महीने के अंदर नया डीपीआर तैयार करने को कहा है।
सांस्कृतिक संकुल में थे प्रस्तावित कार्य
4600 वर्गमीटर खुले परिक्षेत्र में द्विस्तरीय भूमिगत पार्किंग की सुविधा, खुले परिक्षेत्र में क्राफ्ट मेला आदि आयोजन के लिए मूलभूत सुविधाओं का विस्तार
संकुल सभागार की फर्श पर टाइल्स, कृत्रिम छत, दरवाजों एवं खिड़कियों में बदलाव, सेंट्रल एयर कंडीशनिंग, त्वरित पावर बैक अप के लिए उच्चीकृत एवं ध्वनिरहित डीजी सेट, स्टेज पर फूल स्क्रीन एलईडी, स्टेज के नए पर्दे, विशेष लाइटिंग, नए एवं उच्चीकृत ध्वनि यंत्र, दीवारों का ध्वनिक ट्रीटमंट, कंट्रोल रूम प्रॉजेक्टर, वॉल म्युरल्स एवं डेकोरेटिव पैनल आदि।
संस्कृति विभाग खर्च करेगा 45 करोड़
सांस्कृतिक संकुल के सुंदरीकरण पर संस्कृति विभाग अपने मद से 45 करोड़ रुपये खर्च करेगा। विकास प्राधिकरण आर्किटेक्ट की मदद से डीपीआर तैयार करेगा। इसके लिए दोनों विभागों को आपस में समन्वय बनाते हुए तय सीमा के अंदर डीपीआर भेज को निर्देशित किया है।
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