घबराहट न हड़बड़ी, जरूरी सामानों की बिक्री
कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए गुरुवार को शुरू हुई चार दिनों की बंदी के पहले दिन शहर के विभिन्न इलाकों में दुकान और व्यावसायिक प्रतिष्ठान...
वाराणसी। कार्यालय संवाददाता
कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए गुरुवार को शुरू हुई चार दिनों की बंदी के पहले दिन शहर के विभिन्न इलाकों में दुकान और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। जरूरी सामानों से जुड़ी दुकानों पर ही खरीदारी हुई। इनकी भी ज्यादातर दुकानों के शटर दोपहर 12 बजते-बजते गिर गए। हालांकि गलियों और कॉलोनियों में दुकानें खुल रही हैं। गलियों में चहल-पहल भी दिखी। 60 से अधिक व्यापारी संगठनों ने दो दिनों की स्वत: बंदी की घोषणा की है जबकि शनिवार और रविवार को सरकार की ओर से लॉकडाउन रहेगा।
जिला प्रशासन ने जरूरी सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी तरह के प्रतिष्ठान बंद रखने का निर्देश दिया है। इसका कई बाजारों में असर दिखा। बनारसी साड़ी के प्रतिष्ठान पहले ही बंदी की घोषणा कर चुके हैं। विश्वेश्वरगंज मंडी की ज्यादातर दुकानें सुबह 11 बजे के बाद खुलती हैं, लिहाजा व्यापारियों ने प्रतिष्ठान बंद रखना ही उचित समझा। सराफा मंडी भी पूरी तरह बंद रही।
गुरुवार सुबह दूध-सब्जी-फल की दुकानों व ठेलों पर सामान्य दिनों की तरह भीड़भाड़ रही। चेतगंज, लंका, खोजवां, भोजूबीर, शिवपुर, सिगरा, महमूरगंज, मंडुवाडीह, अर्दली बाजार, सुंदरपुर, अस्सी, पक्का महाल आदि में राशन-किराना की दुकानों पर सामान्य खरीदारी हुई। ग्राहकों में किसी तरह की घबराहट या हड़बड़ी नहीं दिखाई दी। ज्यादातर मेडिकल स्टोर खुले रहे लेकिन दोपहर बाद मेडिकल की कुछ दुकानें भी बंद हो गईं।
वहीं, पुलिस व नगर निगम प्रवर्तन दल की टीम ने दोपहर 12 बजे के बाद शहर में कई इलाकों में बंदी का पालन कराने के लिए गश्त किया। दुकानें बंद कर बाहर बैठे व्यापारियों व उनके परिजनों को घर के अंदर जाने को कहा गया। ठेले-पटरी व्यवसायियों को बंदी का पालन न करने पर चालान काटा गया।