रोप स्टेशन के लिए गोदौलिया में दूसरा भवन ध्वस्त
Varanasi News - वाराणसी के गोदौलिया में रोपवे स्टेशन के निर्माण के लिए आठ दुकानों का ध्वस्तीकरण किया गया। प्रशासन ने दुकानदारों को मुआवजा देने का आश्वासन दिया, लेकिन ध्वस्तीकरण के दौरान ट्रैफिक प्रबंधन की कमी के कारण...

वाराणसी। वरिष्ठ संवाददाता गोदौलिया में रोपवे का चार मंजिला स्टेशन और पिलर बनाने के लिए सोमवार को एक और भवन ध्वस्त किया गया। करीब 16 बिस्वा जमीन के अगले हिस्से में बने जर्जर भवन में आठ दुकानें संचालित थीं। दो परिवार भी रहते थे। दुकानदारों और परिवारों ने कुछ दिनों की मोहलत मांगी जिसे प्रशासनिक एवं वीडीए के अफसरों ने ठुकरा दिया। दोपहर 12 बजे शुरू हुई कार्रवाई तीन घंटे तक चली।
इस दौरान दुकानदार एवं उनके परिवार, दो परिवारों के सदस्य नम आंखों से अपना आशियाना टूटते देखते रहे। एक घंटे की मिली मोहलत के दौरान सभी अपने पूरे सामान भी नहीं समेट सके।
खत्म हो गई थी लीज
वीडीए सचिव डॉ. वेदप्रकाश मिश्र ने बताया कि यह जमीन सरकारी है। कुछ वर्ष पहले इसकी लीज समाप्त हो चुकी है। भवन का पीछे का बड़ा हिस्सा खाली था, वहां कबाड़ पड़े हुए थे। वीडीए अधिकारियों से स्थानीय लोगों ने गिरजाघर चौराहे से (चर्च के सामने) गोदौलिया के बीच अन्य भवनों के भी ध्वस्तीकरण के संबंध में पूछताछ की।
इस दौरान संयुक्त सचिव परमानंद यादव, नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड की प्रोजेक्ट मैनेजर पूजा मिश्रा मौजूद रहीं।
मुआवजे का दिया आश्वासन
अधिकारियों ने दुकानदारों को मुआवजा मिलने का आश्वासन दिया। वहीं लीजधारक को भी मुआवजे के प्रावधानों के तहत लाभ मिलने की बात कही। बोले कि यहां के दुकानदारों को रोप-वे स्टेशन परिसर में दुकानें आवंटित की जाएंगी।
रोप-वे का अंतिम टावर बनेगा
कैंट स्टेशन से गोदौलिया के बीच रोप-पे प्रोजेक्ट का अंतिम टॉवर (संख्या-29) यहीं बनाया जाएगा। पिलर के साथ ही चार मंजिला स्टेशन और दुकानें भी बनेंगी।
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गोदौलिया पर ध्वस्तीकरण
फोटो: अमन
वर्किंग डे पर डिमॉलिशन मगर गायब
था ट्रैफिक मैनेजमेंट, लगा भीषण जाम
अफसरों को कोसा
दुकान तोड़े जाने के दौरान सभी रास्ते जाम हो गए
काफी देर बाद वाहनों पर रोक से स्थिति संभली
वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता।
रोपवे स्टेशन के लिए गोदौलिया पर दुकान ध्वस्तीकरण के दौरान प्रशासन और पुलिस अफसरों ने ट्रैफिक प्रबंधन नही किया। या कहें, उनकी प्लानिंग से ट्रैफिक प्रबंधन सिरे से गायब था। दुकान तोड़े जाने के दौरान छोटे-बड़े वाहनों का आवागमन जारी रहा। इसके चलते भीषण जाम लगता गया। काफी देर बाद अफसरों को होश आया और पुलिस सक्रिय हुई। जाम में फंसे लोग अफसरों को कोसते रहे।
रोपवे स्टेशन के लिए गोदौलिया से गिरजाघर चौराहा के बीच आठ दुकानों के ध्वस्तीकरण के लिए प्रशासन सप्ताह के पहले कार्य दिवस सोमवार को चुना लेकिन उस क्षेत्र में पहले से ट्रैफिक लोड का ध्यान नहीं रखा। नगर निगम की टीम दोपहर में पहुंची तो लोगों को मालूम हुआ कि क्या होने जा रहा है लेकिन तब तक गंगा और काशी विश्वनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं-पर्यटकों, क्षेत्र के व्यापारियों-दुकानदारों के अलावा स्थानीय लोगों के आवागमन से रोड व्यस्त हो चुकी थी। ध्वस्तीकरण के तमाशबीनों की भी अच्छी-खासी भीड़ मौके पर जुटने लगी थी। उसी में हूटर बजाते पहुंचे अफसरों के वाहनों से जाम की स्थिति बिगड़ती गई। इससे अपने-अपने कामों से जा रहे लोग जहां के तहां ठिठक गए। बाइक सवारों को भी आगे बढ़ने में मुश्किलें आईं। महिलाओं, बुजुर्गों, युवतियों और बच्चों की सबसे अधिक फजीहत हुई।
एक लेन ही बंद की गई
पुलिस ने अति व्यस्त सड़क पर कार्रवाई के दौरान उत्पन्न होने वाली स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया। वाहनों पर प्रतिबंध नहीं लगाया। सिर्फ एक लेन बंद की गई, दूसरी चालू रही। नई सड़क और लक्सा की ओर आने वाले लोगों का रूट नहीं बदला गया। सभी का आवागमन चालू लेन से हो रहा था। ध्वस्तीकरण शुरू होने पर चालू लेन भी जाम हो गई। काफी देर बाद पुलिस की नींद टूटी, वाहनों को गौदोलिया की तरफ जाने से रोका गया। पदयात्रियों को बंद लेन की तरफ से भेज गया। तब स्थिति सामान्य हुई।
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