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काशी विद्यापीठ :तालमेल की कमी से काउंसिलिंग अटकी

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में इस साल भी समय से काउंसिलिंग शुरू होने के आसार नहीं है। शनिवार को जिस आपाधापी में पहले विधि संकाय और फिर सभी कोर्सों की काउंसिलिंग स्थगित करने की घोषणा हुई, उसके पीछे...

काशी विद्यापीठ :तालमेल की कमी से काउंसिलिंग अटकी
हिन्दुस्तान टीम,वाराणसीSun, 09 Jul 2017 07:22 PM
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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में इस साल भी समय से काउंसिलिंग शुरू होने के आसार नहीं है। शनिवार को जिस आपाधापी में पहले विधि संकाय और फिर सभी कोर्सों की काउंसिलिंग स्थगित करने की घोषणा हुई, उसके पीछे विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों के बीच तालमेल का अभाव सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। इससे इस बार भी प्रवेश प्रक्रिया के जुलाई में पूरा होने की संभावना क्षीण हो चली है। काउंसिलिंग पहले सात जुलाई से शुरू होनी थी, बाद में 11 जुलाई की तिथि घोषित हुई। शनिवार को उसे भी स्थगित कर दिया गया। एलएलबी,एमएड और एमए (मासकाम) की प्रवेश परीक्षा में नकल का आरोप कई दिनों से चल रहा है। छात्रों के विरोध पर एलएलबी में दाखिले पर रोक लगा दी गई थी। छात्रों का कहना है कि कुलसचिव ने जांच कराने का आश्वासन दिया था। इसी बीच 11 जुलाई से घोषित काउंसिलिंग की तिथि में विधि का भी नाम शामिल था। इसके बाद से ही काउंसिलिंग का विरोध शुरू हो गया। अंत में उसे स्थगित करना पड़ा। विधि की काउंसिलिंग स्थगित करने का आदेश प्राक्टर की ओर से जारी हुआ। छात्रों और शिक्षकों का मानना है कि अधिकारियों में तालमेल की कमी है। बगैर पूरा विवाद सुलझाए काउंसिलिंग की तिथि नहीं घोषित करनी चाहिए थी। यह भी कहा जा रहा है कि छात्रों के दबाव के आगे प्रशासन को सख्त रवैया अपनाना चाहिए। छात्रों के विरोध के कारण बैक पेपर से काउंसिलिंग तक के मुद्दे पर विश्वविद्यालय प्रशासन बैकफुट पर है। उसे बार-बार अपना निर्णय बदलना पड़ रहा है। पिछले तीन साल से काउंसिलिंग समय से हो रही है लेकिन छात्रों के हस्तक्षेप के कारण बीच में प्रक्रिया स्थगित करनी पड़ी। इससे 15 दिन की काउंसिलिंग तीन महीने में समाप्त हुई।

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