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आने को हैं पीएम: ‘चित्रकूट’ के जरिए देखेंगे पांच सदियों की कलायात्रा-VIDEO

बनारस की रामलीलाओं के पांच सौ वर्षों की कला यात्रा का अवलोकन मोदी और मैक्रों काशी यात्रा के दौरान करेंगे। ‘चित्रकूट’ नामक प्रस्तुति के माध्यम से दोनों नेताओं के समक्ष सीताहरण से भरतमिलाप...

बनारस की रामलीलाओं के 500 वर्षों की कला यात्रा का अवलोकन मोदी और मैक्रों काशी यात्रा के दौरान करेंगे।
1/ 3बनारस की रामलीलाओं के 500 वर्षों की कला यात्रा का अवलोकन मोदी और मैक्रों काशी यात्रा के दौरान करेंगे।
नृत्यनाट्य चित्रकूट के पूर्वाभ्यास के दौरान राम और सीता का किरदार निभाने वाली स्वाति और नंदिनी
2/ 3नृत्यनाट्य चित्रकूट के पूर्वाभ्यास के दौरान राम और सीता का किरदार निभाने वाली स्वाति और नंदिनी
बनारस की रामलीलाओं के 500 वर्षों की कला यात्रा का अवलोकन मोदी और मैक्रों काशी यात्रा के दौरान करेंगे।
3/ 3बनारस की रामलीलाओं के 500 वर्षों की कला यात्रा का अवलोकन मोदी और मैक्रों काशी यात्रा के दौरान करेंगे।
वाराणसी। अरविंद मिश्रFri, 09 Mar 2018 09:05 PM
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बनारस की रामलीलाओं के पांच सौ वर्षों की कला यात्रा का अवलोकन मोदी और मैक्रों काशी यात्रा के दौरान करेंगे। ‘चित्रकूट’ नामक प्रस्तुति के माध्यम से दोनों नेताओं के समक्ष सीताहरण से भरतमिलाप तक के प्रसंगों के बहाने रामलीला की विकास और कलायात्रा की बानगी 12 मार्च को पेश की जाएगी। प्रस्तुति के दौरान दर्शक दीर्घा में सिर्फ यही दोनों नेता होंगे। 

मोदी और मैक्रों के समक्ष यह नृत्यमय प्रस्तुति बड़ालालपुर स्थित ट्रेड फैसिलिटी सेंटर के म्यूजियम में होगी। अब तक तय कार्यक्रम के अनुसार मोदी-मैक्रों करीब दस मिनट यह प्रस्तुति देखेंगे। इसके लिए निर्देशक व्योमेश शुक्ला ने छऊ, कथक और भरतनाट्यम नृत्य शैलियों को आधार बनाया है। प्रत्येक कालखंड का प्रतिनिधित्व करने वाले वास्त्रविन्यास ‘चित्रकूट’ की एक और बड़ी खूबी है। देश के कई राष्ट्रीय नाट्योत्सवों में मंचित इस प्रस्तुति में राम, सीता, लक्ष्मण और हिरण की भूमिका क्रमश: स्वाति, नंदिनी, काजोल और साखी निभाएंगी। अन्य भूमिकाओं में तापस, हेमंत, आकाश और विशाल, होंगे। कलाकारों का दल रोज पूर्वाभ्यास कर रहा है। 

उल्लेखनीय है कि बनारस में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा 16वीं शताब्दी में श्रीराम चरित मानस की रचना के उपरांत रामलीलाओं के सार्वजनिक मंचन की परंपरा शुरू हुई थी। तब से अब तक रामलीला की प्रदर्शन शैलियों में आए परिवर्तनों का समावेश करते हुए यह प्रस्तुति नगर की नाट्य संस्था रूपवाणी द्वारा तैयार की गई है।

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