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बाल विवाह के चंगुल से बची तो कुप्रथा से लड़ने का लिया संकल्प

हुकुलगंज स्थित चमरूबाबा मंदिर पर बुधवार को एक अलग ही नजारा दिखा। 14 साल की एक लड़की का विवाह 24 साल के लड़के से करने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी थीं। दुल्हन को लाल जोड़े में सजाया जा चुका था।...

बाल विवाह के चंगुल से बची तो कुप्रथा से लड़ने का लिया संकल्प
वाराणसी कार्यालय संवाददाता Thu, 23 Nov 2017 11:43 AM
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हुकुलगंज स्थित चमरूबाबा मंदिर पर बुधवार को एक अलग ही नजारा दिखा। 14 साल की एक लड़की का विवाह 24 साल के लड़के से करने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी थीं। दुल्हन को लाल जोड़े में सजाया जा चुका था। दुल्हा के सिर पर सेहरा बंध चुका था। लेकिन अचानक पूरा माहौल बदल गया। लड़की और लड़के ने चार साल बाद शादी करने का निर्णय लिया। वहीं बाल विवाह के अभिशाप से बचाई गई लड़की ने अपनी बस्ती की बेटियों को भी इस कुप्रथा से बचाने का संकल्प लिया। 

बाल संरक्षण अधिकारी निरूपमा सिंह ने बताया कि उन्हें बाल विवाह कराये जाने की सूचना मिली थी। उन्होंने उसकी जानकारी जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण त्रिपाठी को दी। उनके निर्देशानुसार आशा ज्योति केन्द्र की टीम के साथ मौके पर जाकर बाल विवाह रुकवाया गया। दोनों पक्षों के अभिभावकों को लड़की के बालिग होने तक विवाह न करने का हलफनामा देकर चेतावनी के साथ छोड़ा गया है। निरुपमा के अनुसार मौके पर परिजनों ने लड़के की जन्मतिथि 2 मार्च-93 व लड़की की जन्म तिथि 18 जनवरी-2004 बतायी। इसके आधार पर लड़की की उम्र लगभग 14 वर्ष होने की वजह से शादी रुकवा दी गई। लड़का और लड़की की काउंसलिंग भी की गई। लड़की ने आगे पढ़ने की इच्छा जाहिर करने पर विभाग ने मदद करने का आश्वासन दिया। इसके बाद लड़की ने अपनी बस्ती की लड़कियों को भी बाल विवाह से बचाने का संकल्प लिया।   

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