श्रम कानून में बदलाव से बदलेगी श्रमिकों की जिंदगी
श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुनील भराला ने कहा है कि श्रम कानूनों में बदलाव से श्रमिकों की जिंदगी में भी बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि देश की...
वाराणसी। निज संवाददाता
श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुनील भराला ने कहा है कि श्रम कानूनों में बदलाव से श्रमिकों की जिंदगी में भी बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि देश की संस्कृति, संस्कार को बचाने और इसमें आ रही विसंगतियों को दूर करने के लिए भी अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए परशुराम शक्ति वाहिनी का गठन किया गया है। हिन्दू महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को रोका जाएगा। राष्ट्रीय परशुराम परिषद की ओर से परशुराम शक्ति वाहिनी के तीसरे अधिवेशन में आगामी रणनीति तय की गई है। यूपी में जल्द ही परशुराम धाम और परशुराम विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।
गुरुवार को सर्किट हाउस में परशुराम शक्ति वाहिनी के साथ बैठक के बाद वह पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के मुकदमे निपटाने में अब देर नहीं होगी। श्रम विभाग में लंबित मुकदमे जल्द निपटा दिए जाएंगे। जनपद स्तर पर ही उद्यमी, अधिकारी और श्रमिकों के साथ पंचायत कर इसे हल किया जाएगा। सुनील भराला ने कहा कि श्रमिकों के हित के लिए प्रदेश सरकार ही नहीं केंद्र सरकार भी कार्य कर रही है। केंद्र सरकार ने उनके लिए श्रम कानूनों में बदलाव किया है। इसमें महिला श्रमिकों को भी विशेष स्थान दिया गया है। प्रदेश में श्रमिक कल्याण बोर्ड के जरिए श्रमिकों के लिए कार्य कर रहा है। ऐसे श्रमिकों की तलाश की जा रही है, जो योजनाओं से वंचित हैं। इनके लिए मंडल और जिला स्तर पर अधिकारी कार्य डाटा तैयार कर रहे है। इसके बाद उन को लाभ पहुंचाया जाएगा। साथ ही श्रमिकों के लिए संचालित योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
श्रमिकों की नहीं सुनते अधिकारी तो होंगे दंडित
सुनील भराला ने कहा कि श्रमिकों की समस्याएं अगर अधिकारी नहीं सुनते हैं तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि उनका काम श्रमिकों की समस्याओं का निस्तारण करना है न की उन्हें परेशान करना।
भारतीय संस्कृति से कोरोना पर नियंत्रण
पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृत अब समृद्ध हो रही है। कोरोना काल में पूरी दुनिया ने भारतीय संस्कृति के योग, काढ़ा एवं दूरी बनाकर नमन करने आदि को अपनाया। इससे कोरोना पर नियंत्रण में सफलता मिली है।