सोलहों शृंगार से दमकी जगतजननी की आभा
Varanasi News - वाराणसी में हरतालिका तीज पर मां कूष्मांडा का आभा सोलह शृंगार में सजाया गया। त्रिदेव मंदिर में संगीत समारोह में कलाकारों ने भजनों से भक्तों को झुमाया। अंत में कथक नृत्यांगना श्रावस्ती चटर्जी ने मां को...

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। हरतालिका तीज पर मंगलवार को जगतजननी मां कूष्मांडा की आभा सोलह शृंगार में दमक उठी। संध्याकाल में संगीत समारोह की अंतिम निशा में त्रिदेव मंदिर सेवक परिवार के साथ तीन दर्जन कलाकारों ने मां के चरणों में अपनी कला समर्पित की। वार्षिक शृंगार के अंतिम दिन शाम 4:30 बजे शृंगार के लिए मन्दिर का कपाट बंद किया गया। पं. कौशलपति द्विवेदी, पं. संजय दुबे ने मां को पंचामृत स्नान कराने के बाद बनारसी लाल साड़ी और लाल चुनरी से सुसज्जित कर कोलकाता से मंगाए गए गुलमेहंदी और गुलाब के फूलों से को सजाया। मांगटीका, नथिया, स्वर्ण मुकुट और विशेष फाटा हार के साथ स्वर्ण रजत युक्त मोती की लड़ियों से दिव्य शृंगार किया गया।
विराट आरती रात 8 बजे पं. किशन दुबे ने उतारी। रात 8:30 बजे आरती के उपरान्त त्रिदेव मंदिर सेवक परिवार ने भजनों की प्रस्तुति दी। अनूप सराफ, राधेगोविंद केजरीवाल के साथ सभी सदस्यों ने सबसे पहले गणेश वंदना के बाद सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसके बाद ‘तेरा दर तो हकीकत में दुखियों का सहारा है, ‘माई की लाल चुनरिया, ‘भर दे रे झोली भर दे रे, ‘आ जाओ मेरी मां आ जाओ आदि भजनों से भक्तों को खूब झुमाया। राकेश तिवारी ने ‘शिव प्राप्ति का यही उपाय, कहो ओम नमः शिवाय, ‘दुर्गा मैया को मन में बसा के, विदाई में देने चला सुनाया। गायक पीयूष मिश्रा ने ‘मइया का द्वारा है बड़ा प्यारा, ‘शारदे जय हंसवाहिनी सुनाया। ज्योति जगमग ने ‘तूने मुझे बुलाया शेरा वालिये, खुशबू गुप्ता ने कजरी ‘राधे बिन लागे ना मोरा जिया सुनाकर भक्तों को निहाल कर दिया। आलोक नादान ने ‘जब भक्त नही होंगे तो भगवान कहां होगा सुनाया। इनके अलावा कुसुम किशोरी, अंजली तिवारी, सत्यम यादव, अंजली उर्वशी, अरुण चौबे, उजाला विश्वकर्मा, शुभम जायसवाल, पुनीत जेटली (पागल बाबा) सहित दर्जनों कलाकारों ने हाजिरी लगाई। अंत मे कोलकाता से आई कथक नृत्यांगना श्रावस्ती चटर्जी ने मां को भावजंलि देकर महोत्सव का समापन किया। उन्होंने सबसे पहले दुर्गा स्तुति की, उसके बाद धमार ताल पर पारंपरिक कथक प्रस्तुत किया। सीताहरण का एकांकी अभिनय नृत्य से सबको भावविह्वल कर दिया। अंत मे पं. बिरजू महाराज द्वारा रचित राग रागेश्री में तराना से समापन किया। इन कलाकारों ने की संगत कलाकारों का संयोजन प्रभुनाथ राय दाढ़ी ने किया। तबले पर मोतीलाल शर्मा, ढोलक पर अवधेश, सनी, पैड पर विवेक, परकशन पर संजय श्रीवास्तव, कीबोर्ड पर नीरज पाण्डेय, शिवेश, बेंजो पर सुरेश सुदर्शन ने संगत की। संचालन सोनू झा ने किया। बारह घंटे अखंड भंडारे में हजारों ने लिया प्रसाद शृंगार महोत्सव के अंतिम दिन मंगलवार को मंदिर प्रांगण में अखंड भंडारा का आयोजन किया गया। दोपहर 12 बजे भोग आरती के बाद शुरू हुआ भंडारा रात 12 बजे तक चलता रहा। संयोजक पं. विश्वजीत दुबे ने बताया कि 15 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण लिया। मां का भोग प्रसाद पाने के लिए दोपहर से ही श्रद्धालुओं की कतार लगी रही जो देर रात तक चलती रही। महंत राजनाथ दुबे, विश्वजीत दुबे, संजय दुबे, किशन दुबे, विकास दुबे, प्रकाश दुबे आदि महंत परिवार के सदस्य मुख्य रूप से प्रबंधन में लगे रहे।
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